Shani Dev Puja: शनिदेव को हिंदू धर्म में कर्मफलदाता कहा जाता है। उन्हें ज्योतिष में न्यायाधीश कहा जाता है। शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनिदेव साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा के माध्यम से लोगों को उनके गलत कर्मों का फल देते हैं। जिनपर भी शनि की क्रूर दृष्टि पड़ती है वे लोग काफी परेशानियों का सामना करते हैं।
ऐसे में इन सभी परेशानियों से मुक्ति पाने के लिए और शनिदेव को खुश करने के लिए लोग शनिवार को उनकी पूजा करते हैं और सरसों का तेल चढ़ाते हैं। माना जाता है कि शनिदेव सरसों का तेल अर्पित करने से खुश होते हैं। क्या आपने कभी सोचा कि शनिदेव को सरसों का तेल क्यों चढ़ाया जाता है? इसके पीछे एक पौराणिक कथा है? इसके अलावा ज्योतिष में भी इसके खास कारण हैं। आइए जानते हैं कि शनिदेव को सरसों का तेल क्यों अर्पित किया जाता है?
क्यों चढ़ाया जाता है शनिदेव को सरसों का तेल?
पौराणिक कथाओं के अनुसार एक बार शनिदेव भगवान हनुमानजी से मिलने आए। शनिदेव ने हनुमानजी से कहा कि वे उनकी जिंदगी में साढ़ेसाती लाने वाले हैं, क्योंकि यह उनका काम सभी को उनके कर्मों का फल देना है। हनुमानजी ने हंसते हुए कहा कि वे भगवान राम के भक्त हैं और कोई साढ़ेसाती उन पर असर नहीं कर सकती है। शनिदेव को यह बात चुनौती लगी। इस पर उन्होंने हनुमानजी पर अपना प्रभाव डालने की कोशिश की।
इस पर हनुमानजी ने शनिदेव को अपनी पूंछ में लपेट लिया और इतनी जोर से दबाया कि शनिदेव को बहुत दर्द होने लगा। दर्द से परेशान शनिदेव ने हनुमानजी से माफी मांगी और वादा किया कि वे उनके भक्तों को परेशान नहीं करेंगे। हनुमानजी ने शनिदेव को छोड़ दिया, लेकिन दर्द से शनिदेव को राहत नहीं मिली। इस पर हनुमानजी ने उन्हें सरसों का तेल दिया। शनिदेव ने इस तेल को अपने शरीर पर लगाया, जिससे उनका दर्द कम हुआ। उस दिन से यह मान्यता शुरू हुई कि शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाने से वे खुश होते हैं और अपने भक्तों की परेशानियां कम करते हैं। इसी कारण भक्त उनको प्रसन्न करने के लिए सरसों का तेल लगाते हैं।
ज्योतिष में भी है सरसों के तेल का महत्व
ज्योतिष में शनिदेव का संबंध काले तिल, तेल और नीले रंग से भी है। शनि एक ठंडा और सख्त ग्रह है, जो कर्मों का हिसाब रखता है। सरसों का तेल गर्म और चिकनाई वाला होता है, जो शनि के कठोर और ठंडे स्वभाव को शांत करता है। जब कोई व्यक्ति सरसों का तेल शनिदेव को चढ़ाता है, तो यह उनके बुरे प्रभाव को कम करता है। खासकर, जिन लोगों की कुंडली में शनि कमजोर है या साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही है, उनके लिए यह पूजा बहुत फायदेमंद होती है। सरसों का तेल चढ़ाने से शनिदेव की कृपा मिलती है, और जीवन में आने वाली मुश्किलें कम हो सकती हैं।
सरसों का तेल चढ़ाने से मिलते हैं ये फायदे
सरसों का तेल चढ़ाने से व्यक्ति को कई तरह के फायदे मिलते हैं। सबसे पहला लाभ यह है कि यह उपाय शनिदेव को प्रसन्न करता है, जिससे उनकी क्रूर दृष्टि का असर कम होता है। दूसरा, शनि से जुड़ी सेहत की समस्याएं, जैसे जोड़ों का दर्द, त्वचा की परेशानी या मानसिक तनाव, में राहत मिलती है। तीसरा, यह नौकरी और बिजनेस में रुकावटों को दूर करने में मदद करता है। चौथा, सरसों का तेल चढ़ाने से मन को शांति मिलती है और डर या बेचैनी कम होती है। यह पूजा न सिर्फ ज्योतिषीय बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी फायदा देती है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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