Lakshmi Puja Flowers: दिवाली का पर्व सिर्फ दीपों और मिठाइयों का नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा को जागृत करने का भी होता है. इस दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है. उनकी पूजा के लिए प्रिय पुष्पों का चयन बहुत मायने रखता है।. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मां लक्ष्मी को कमल ही क्यों प्रिय है? और अगर कमल का फूल न मिले तो कौन-सा फूल सही रहेगा? आइए जानते हैं इस दिवाली कुछ खास बातें, जो आपकी पूजा को और भी फलदायी बना सकती हैं.
मां लक्ष्मी को क्यों प्रिय है कमल?
कमल फूल जल में पैदा होता है लेकिन कीचड़ से अछूता रहता है. यही संदेश मां लक्ष्मी भी देती हैं: ‘संसार में रहो, पर उसमें लिप्त मत होओ.’ इस प्रकार कमल का फूल सौंदर्य और वैभव के साथ-साथ वैराग्य का भी संदेश देता है. इसके साथ ही कमल का लाल और गुलाबी रंग धन, शक्ति और शुभ ऊर्जा का प्रतीक है. इसलिए मां लक्ष्मी को कमल बेहद प्रिय है. लक्ष्मीजी को अक्सर कमल के आसन पर विराजमान दिखाया जाता है। इसलिए उन्हें ‘कमलवाहिनी भी कहा जाता है.
क्या करें जब कमल उपलब्ध न हो?
दिवाली जैसे त्योहार पर हर कोई कमल खरीदना चाहता है, जिससे बाजार में उसकी भारी कमी हो जाती है. ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि, कुछ फूल ऐसे हैं जो मां लक्ष्मी को कमल के समान ही प्रिय हैं. इसलिए जब कमल न मिले तो इसके विकल्प के रूप में ये फूल चढ़ाए जाते हैं:
ये भी पढ़ें: Chanakya Niti: हर मुश्किल घड़ी में साथ देंगी चाणक्य नीति की ये 10 बातें, जानिए सफलता के राज
गेंदे का फूल: सुगंध और पवित्रता से भरपूर यह फूल लक्ष्मी-पूजन में शुद्धता का प्रतीक माना जाता ह.
गुलाब: गुलाब का लाल रंग शक्ति और प्रेम का प्रतीक है, जो लक्ष्मीजी को प्रिय है. इसे इत्र के साथ चढ़ाना और भी शुभ माना जाता है.
अपराजिता: नीले रंग का यह फूल मां लक्ष्मी और विष्णु दोनों को अर्पित किया जा सकता है.
श्वेत चंपा या चमेली: श्वेत पुष्प शांति और मानसिक समृद्धि का प्रतीक हैं। मां लक्ष्मी की कृपा के लिए ये भी उत्तम माने जाते हैं.
केवड़ा: यह फूल अपनी मंद और मीठी खुशबू के लिए जाना जाता है. लक्ष्मी पूजन में इसे चढ़ाना विशेष फलदायी माना जाता है, खासकर गुप्त नवरात्रि और दिवाली में.
हरसिंगार: शास्त्रों के अनुसार यह स्वर्ग का फूल है। इसकी कोमल पंखुड़ियाँ और सुगंध मां लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय हैं। यह रात्रि में खिलने वाला फूल है, जो सौभाग्य का प्रतीक है।
बेला: बेला की खुशबू मां लक्ष्मी को बहुत प्रिय मानी जाती है। यह विशेष रूप से शुक्रवार की लक्ष्मी पूजा में चढ़ाया जाता है.
क्या करें यदि कोई फूल भी उपलब्ध न हो?
यदि किसी कारणवश फूल उपलब्ध न हो, तो अरवा चावल (अक्षत), कुमकुम, सुपारी और तुलसी दल का उपयोग भी किया जा सकता है. सच्ची श्रद्धा से की गई पूजा में फूलों की भौतिक उपस्थिति से ज्यादा भावनाओं की महत्ता होती है.
लक्ष्मी पूजन में ध्यान रखें ये बातें
मां लक्ष्मी को पुष्प चढ़ाते समय ‘ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का जाप करें. फूल हमेशा साफ और ताजा होने चाहिए. कभी भी बासी, सूखे या मुरझाए फूल न चढ़ाएं.
ये भी पढ़ें: Tulsi Vivah 2025: तुलसी विवाह कब है? जानें सही तिथि, पौराणिक कथा, पूजा विधि और धार्मिक महत्व
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।