Astro Tips: हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति में पैर छूना सम्मान और आशीर्वाद लेने का एक महत्वपूर्ण रिवाज है। यह परंपरा गुरु, माता-पिता, और बड़ों के प्रति आदर व्यक्त करने का प्रतीक मानी जाती है। हालांकि, कुछ शास्त्रों और नीतियों में यह बताया गया है कि कुछ परिस्थितियों में या कुछ लोगों के पैर छूने से बचना चाहिए।
हिंदू शास्त्रों, जैसे मनुस्मृति, गरुड़ पुराण और अन्य नीति ग्रंथों में कुछ परिस्थितियों और व्यक्तियों के बारे में उल्लेख मिलता है, जिनके पैर छूने से बचना चाहिए। आइए जानते हैं कि वे कौन सी परिस्थितयां या लोग हैं, जिनके पैर छूने से बचना चाहिए।
अशुद्ध अवस्था में
मनुस्मृति अध्याय 4, श्लोक 213 और गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति शारीरिक या मानसिक रूप से अशुद्ध हो, उसके पैर छूने से बचना चाहिए। जैसे यदि कोई व्यक्ति स्नान किए बिना है या किसी के जन्म और मृत्यु के बाद की अशुद्धता की अवस्था में है तो उसके पैर नहीं छूने चाहिए। ऐसी स्थिति वाले व्यक्ति के पैर छूने से सकारात्मकता की जगह नकारात्मकता का सामना करना पड़ सकता है।
निंदनीय आचरण वाले व्यक्ति
मनुस्मृति के अध्याय 2, श्लोक 174 और चाणक्य नीति के अध्याय 6, श्लोक 10 के अनुसार जो व्यक्ति अनैतिक कार्यों जैसे चोरी, झूठ, या हिंसा आदि में लिप्त हो। उसके प्रति सम्मान व्यक्त करना उचित नहीं है। ऐसे लोगों के पैर छूने से बचना चाहिए, क्योंकि उनका आशीर्वाद प्रभावशाली नहीं माना जाता। चाणक्य नीति में कहा गया है कि ‘दुराचारी, पापी और नीच कर्म करने वाले का सम्मान नहीं करना चाहिए।’
अज्ञानी या धर्म-विरोधी व्यक्ति
विष्णु पुराण और भागवत पुराण के अनुसार जो व्यक्ति धर्म और शास्त्रों का विरोध करता हो या अज्ञानी हो, उसके पैर छूने से कोई आध्यात्मिक लाभ नहीं मिलता है। ऐसे व्यक्ति का सम्मान करने से पहले उसकी योग्यता और आचरण की जांच कर लेनी चाहिए।
पत्नी के पैर
हिंदू परंपराओं में, विशेष रूप से गृहस्थ आश्रम से संबंधित ग्रंथों में, यह जानकारी मिलती है कि पति को भूलकर भी पत्नी के पैर नहीं छूने चाहिए। हालांकि यह बेहद ही दुलर्भ है, लेकिन आज के समाज में ऐसा कई जगहों पर देखा गया है। दरअसल पत्नी के हाथों में शुक्र और पति के पैर में शनि का वास माना जाता है। जब पत्नी पति के पैर छूती है तो घर में सुख-समृद्धि आती है। अगर पति पत्नी के पैर छूता है को कंगाली, दुख और समस्याएं आती हैं।
मासिक धर्म की अवस्था में
गरुड़ पुराण और अन्य धर्मशास्त्रों के अनुसार किसी भी स्त्री के पैर मासिक धर्म के समय नहीं छूने चाहिए। कई जगहों पर इस दौरान स्त्री को अशुद्ध माना जाता है, और इस अवस्था में आशीर्वाद लेने की प्रक्रिया को टाल देना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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