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Religion

19 या 20 मार्च, रंग पंचमी कब है? जानें सही डेट, महत्व और पूजा का शुभ मुहूर्त

होली हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इसके पांचवें दिन 'रंगपंचमी' का पर्व आता है। आइए जानते हैं, रंगपंचमी का महत्व क्या है और इस बार यह त्योहार किस तारीख को मनाई जाएगी और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

Author Edited By : Shyamnandan Updated: Mar 16, 2025 17:49
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हर वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा पर होली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। इसके पांच दिन बाद ‘रंग पंचमी’ का विशेष पर्व आता है। इस दिन देवी-देवताओं की पूजा कर उन्हें रंग अर्पित किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस परंपरा के निर्वहन से परिवार पर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है। आइए जानते हैं, रंग पंचमी का ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व क्या है? इस साल रंग पंचमी मनाने की सही तारीख क्या है और पूजा के लिए शुभ मुहूर्त क्या है?

रंग पंचमी का महत्व

मान्यता है कि रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा ने होली खेली थी। इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए देवतागण भी पृथ्वीलोक पर पधारे थे। वर्तमान समय में यह पर्व विशेष रूप से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में धूमधाम से मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन देवी-देवताओं अबीर-गुलाल लगाने और रंग खेलने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मान्यता है कि रंग पंचमी पर खेले जाने वाले रंग शरीर की ऊर्जा को संतुलित करते हैं। यह पर्व समाज में सौहार्द और भाईचारे को बढ़ावा देता है।

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रंग पंचमी 2025 की तिथि

18 मार्च 2025 को पंचमी तिथि की शुरुआत रात 10 बजकर 9 मिनट पर होगी। वहीं इस तिथि का समापन 20 मार्च 2025 को रात में 12 बजकर 36 मिनट पर होगा। पर्व और त्योहार मनाने की उदयातिथि के अनुसार रंग पंचमी पर्व मनाने की सही तिथि 19 मार्च 2025 है।

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रंग पंचमी के दिन पूजा के शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04:51 से 05:38 तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 02:30 से 03:54 तक
  • गोधूलि मुहूर्त: शाम 06:29 से 06:54 तक
  • निशिता मुहूर्त: रात 12:05 से 12:52 तक

रंग पंचमी से जुड़ी परंपराएं और रीति-रिवाज

इस दिन विभिन्न मंदिरों में रंगोत्सव का आयोजन किया जाता है। श्रद्धालु इस दिन गुलाल उड़ाकर उत्सव मनाते हैं और देवी-देवताओं का अभिषेक करते हैं। महाराष्ट्र में इस दिन ‘शिमगो’ उत्सव मनाया जाता है, जिसमें धूमधाम से जुलूस निकाले जाते हैं। मध्य प्रदेश और मालवा क्षेत्र में यह दिन खासतौर पर धूमधाम से मनाया जाता है, जहां सार्वजनिक स्थानों पर रंगोत्सव होता है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Mar 16, 2025 05:49 PM

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