---विज्ञापन---

Diwali 2024: 29 को धनतेरस और 31 नवंबर को दिवाली, नोट कर लें श्री कुबेर और लक्ष्मी-गणेश पूजन का बेस्ट मुहूर्त

Diwali 2024: अधिकांश धार्मिक संस्थानों और विद्वानों का मानना है कि दिवाली इस बार 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी। यह निर्णय अमावस्या प्रदोष काल के आधार पर लिया गया है। आइए जानते हैं, 29 अक्टूबर को धनतेरस और 31 अक्टूबर को दिवाली होने पर कुबेर और लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Oct 26, 2024 07:20
Share :
Diwali-Kab-hai

Diwali 2024: देश के अधिकांश विद्वानों, धर्माचार्यों और संस्थानों ने धनतेरस और दिवाली मनाने की तिथियों को लेकर अपना सुझाव और निर्णय दे दिया है। अयोध्या, मथुरा और देवघर के विद्वान आचार्यों और पंडितों के मुताबिक, मां लक्ष्मी-श्रीगणेश पूजन और दीपोत्सव 31 अक्टूबर को अमावस्या प्रदोष काल में मनाना सही है। बांके बिहारी मंदिर वृंदावन (यूपी), श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा (राजस्थान), तिरुपति देवस्थानम (आंध्र प्रदेश) और द्वारकाधीश मंदिर (गुजरात) में भी दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर को ही मनाए जाने की बात की जा रही है।

आइए जानते हैं, दिवाली 31 अक्टूबर को ही मनाए जाने पर जोर क्यों दिया जा रहा है और यदि 29 को धनतेरस और 31 नवंबर को दिवाली है, तो श्री कुबेर और लक्ष्मी-गणेश पूजन का बेस्ट मुहूर्त क्या है?

---विज्ञापन---

दिवाली 31 अक्टूबर को ही क्यों?

वहीं, 15 अक्टूबर, 2024 को जयपुर स्थित केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित अखिल भारतीय विद्वत् परिषद की विद्वत् धर्मसभा में सर्व-सम्मति से यह निर्णय दिया था कि 31 अक्टूबर, 2024 को दीपावली मनाना उचित और शास्त्रसम्मत है। विद्वत् धर्मसभा में ज्योतिषियों, विद्वानों और धर्माचार्यों ने निर्णय दिया कि दीपावली का त्योहार ऐसा पर्व है, जो रात को मनाया जाता है। शास्त्रों में अमावस्या के दिन रात को पूजा करने का महत्व है।

दीपावली के दिन माता लक्ष्मी की आराधना भी रात को ही की जाती है। 31 अक्टूबर की रात को अमावस्या तिथि रहेगी, लेकिन 1 नवंबर की रात आने से पहले वह समाप्त हो जाएगी। 1 नवंबर की रात को प्रतिपदा तिथि होगी। शास्त्रों के हिसाब से 31 अक्टूबर की रात्रि में दीपावली पूजन करना उचित है। सभी को इस साल दीपावली 31 अक्टूबर को मनानी चाहिए।

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें: Chhath Puja 2024: इन 9 चीजों के बिना अधूरी रहती है छठ पूजा, 5वां आइटम है बेहद महत्वपूर्ण!

1 नवंबर दीपावली मनाना शास्त्रोचित नहीं

काशी की सभा में विद्वानों ने बताया कि 2024 में कार्तिक अमावस्या तिथि का आरंभ 31 अक्टूबर को सूर्यास्त के पहले होकर 1 नवंबर को सूर्यास्त के पूर्व ही समाप्त हो रही है। 1 नवंबर को पूर्ण प्रदोष काल में अमावस्या की प्राप्ति नहीं है, अतः 1 नवंबर को किसी भी मत से दीपावली मनाना शास्त्रोचित नहीं है। वहीं, इस वर्ष प्रदोष (2 घंटे 24 मिनट) और निशीथ (अर्धरात्रि) में अमावस्या 31 अक्टूबर को पड़ रही है, इसलिए 31 को ही दीपावली मनाना शास्त्रसम्मत है।

धनतेरस पर श्री कुबेर पूजन का बेस्ट शुभ मुहूर्त

29 अक्टूबर को धनतेरस के दिन श्री कुबेर सहित मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा का बेस्ट टाइम शाम में 7 बजकर 15 मिनट से शाम 8 बजकर 25 मिनट के बीच का समय रहेगा। भगवान श्री कुबेर, मां लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा के लिए साधकों और भक्तों को 1 घंटा 10 मिनट का समय प्राप्त होगा।

लक्ष्मी पूजन 2024 का बेस्ट शुभ मुहूर्त

जहां तक दिवाली 2024 के मौके पर लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे विशेष यानी बेस्ट शुभ मुहूर्त की बात है, तो यह 31 अक्टूबर की शाम 6 बजकर 25 मिनट से शाम 8 बजकर 20 मिनट के बीच का समय रहेगा। इस प्रकार मां लक्ष्मी, भगवान श्रीगणेश, ऋद्धि-सिद्धि और शुभ-लाभ सहित दिवाली पर पूजित सभी देवों के पूजन के लिए 55 मिनट का समय प्राप्त होगा। 8 बजकर 20 मिनट के बाद 8 बजकर 50 मिनट तक लक्ष्मी पूजन का सामान्य काल है।

ये भी पढ़ें: Temples of India: इस मंदिर में पत्नी के साथ विराजमान हैं भगवान हनुमान, गृहस्थ रूप में होती है पूजा!

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

HISTORY

Written By

Shyam Nandan

First published on: Oct 26, 2024 07:20 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें