Bhadrapada Month 2025: भाद्रपद महीना हिंदू कैलेंडर का 6वां महीना होता है। इसके साथ ही यह सावन माह के बाद पड़ता है। सावन 2025 की समाप्ति 9 अगस्त की दोपहर 1 बजकर 24 मिनट पर हो जाएगी। इसके बाद भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि लग जाएगी। जो 10 अगस्त की दोपहर 12 बजकर 9 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार भाद्रपद माह की शुरुआत 10 अगस्त से ही मानी जाएगी।
भाद्रपद माह भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित माना जाता है। इस महीने में के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई और शेषनाग के अवतार बलराम का जन्म हुआ था। वहीं, अष्टमी तिथि को स्वयं भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। इस कारण भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पड़ती है। इसके साथ ही इस महीने में हरतालिका तीज, अनंत चतुर्दशी, गणेश चतुर्थी भी पड़ती है। इस महीने में कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। आइए जानते हैं कि भाद्रपद माह में किन कार्यों को नहीं करना चाहिए और किनको करना चाहिए?
भाद्रपद माह में करने चाहिए ये काम
1- भाद्रपद माह में भगवान गणेश, विष्णु और शिव की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है। गणेश चतुर्थी पर गणपति की विशेष पूजा करें। इसके साथ भगवान श्रीकृष्ण की भी पूजा करें और जन्माष्टमी व्रत को करें।
2-अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा और व्रत रखें।
3- इस माह में दान का विशेष महत्व है। जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, और धन का दान करें।
4- भाद्रपद माह में हर मंगलवार को हनुमान जी की पूजा और व्रत करना शुभ माना जाता है।
5- इस माह में सात्विक भोजन जैसे फल, दूध, दही, और अनाज का सेवन करें।
भाद्रपद माह में क्या न करें?
1- इस महीने में विवाह, गृह प्रवेश, या नए व्यवसाय जैसे बड़े कार्य शुरू करने से बचें।
2- इस पूरे महीन में पेड़ों को काटने या पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने से बचें।
3- भाद्रपद माह में मांस, मछली, अंडा, लहसुन, प्याज, और शराब जैसे तामसिक भोजन से परहेज करें।
4- इस माह में अनावश्यक खर्च करने से बचें। इसके बजाय धन का उपयोग दान-पुण्य और धार्मिक कार्यों में करें।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।