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होली में पहनकर रंग और गुलाल खेले गए कपड़ों का क्या करें? जानें

होली खेलने के बाद रंग लगे कपड़ों को संभालने के संबंध में ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अपने अलग-अलग नियम और धारणाएं हैं। इन्हें फिर पहनना, घर में रखना या दान करना सही नहीं माना जाता है। आइए जानते हैं कि इन कपड़ों का क्या करना चाहिए?

Author Edited By : Shyam Nandan Updated: Mar 15, 2025 20:44
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होली रंगों का त्योहार है, जिसमें हर कोई अपने मित्रों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों के साथ खुशियों के रंगों में सराबोर हो जाता है। यहां तक इस दिन लोग अनजाने लोगों को भी रंगने में संकोच नहीं करते हैं। लेकिन होली खेलने के बाद रंग लगे कपड़ों का क्या करना चाहिए? यह एक महत्वपूर्ण सवाल है, जिसे ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार जानना आवश्यक है। आइए जानते हैं कि इन कपड़ों का क्या करना चाहिए?

होली के कपड़ों से जुड़ी ज्योतिषीय मान्यताएं

नकारात्मक ऊर्जा: ज्योतिष और वास्तु शास्त्र के अनुसार, होली के दौरान उपयोग किए गए कपड़ों में नकारात्मक ऊर्जा का वास हो जाता है, जो व्यक्ति के जीवन में बाधाएं उत्पन्न कर सकती है। इस कारण से इन्हें दोबारा पहनना शुभ नहीं माना जाता है।

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धोकर पहनना है अशुभ: कई लोग होली के बाद कपड़ों को धोकर दोबारा उपयोग में लाना चाहते हैं, लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा करना अनुकूल नहीं होता। इससे जीवन में नकारात्मकता आ सकती है।

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दान करने से बचें: कई बार लोग होली के बाद रंगीन कपड़ों को गरीबों में बांट देते हैं, लेकिन यह भी अनुचित माना जाता है। ऐसे कपड़ों में जो ऊर्जाएं होती हैं, वे किसी अन्य व्यक्ति को भी प्रभावित कर सकती हैं।

वास्तु शास्त्र के अनुसार उपाय

होली के दौरान पहने गए कपड़ों को अपने घर में लंबे समय तक नहीं रखना चाहिए। इससे नकारात्मक ऊर्जा घर में बनी रहती है, जिससे परिवार के सदस्यों को परेशानी हो सकती है। इन रंगीन कपड़ों को फेंकने का सही तरीका अपनाना जरूरी है। इन्हें कूड़ेदान में सही तरीके गांठ लगाकर फेंक सकते हैं। सबसे अच्छा उपाय यह ही कि इन्हें किसी गड्ढे में डालकर मिट्टी से ढंक दें।

कई लोग इन्हें जलाने की कोशिश करते हैं, लेकिन ऐसा करने से पर्यावरण को नुकसान होता है और इससे वायुमंडल में नकारात्मक ऊर्जा फैल सकती है। यदि संभव हो तो इन कपड़ों को किसी पवित्र नदी या बहते जल में प्रवाहित कर सकते हैं। यह नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति पाने का एक पारंपरिक तरीका माना जाता है। लेकिन ध्यान रखें कि यह भी पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है।

यदि फिर उपयोग करना चाहें, तब?

यदि कोई व्यक्ति होली के कपड़ों को दोबारा उपयोग में लाना चाहते हैं, तो उन्हें पहले गंगाजल या किसी अन्य पवित्र जल में धो लें और फिर सूर्य के प्रकाश में सुखाएं। इसके बाद हनुमान जी या इष्ट देवता की पूजा करें और तभी इन कपड़ों को पुनः धारण करें। हालांकि, फिर भी इन्हें नियमित उपयोग में लाने से बचना चाहिए।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Mar 15, 2025 08:44 PM

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