Vrishabha Sankranti 2025: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वृषभ संक्रांति पर गंगा स्नान करना सनातन धर्म में अत्यंत शुभ और पुण्यदायी माना गया है। यह वह दिन होता है जब सूर्य देव मेष राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करते हैं जिससे एक नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी व्यक्ति इस दिन गंगा स्नान करता है, उसके जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिल जाती है और आत्मा शुद्ध हो जाती है।
इस दिन गंगा जल में स्नान करने से केवल शरीर की नहीं, बल्कि मन और आत्मा की भी पवित्रता प्राप्त होती है। इसके साथ ही शास्त्रों में वर्णित है कि वृषभ संक्रांति पर गंगा स्नान से विशेष फल की प्राप्ति होती है, जो सामान्य दिनों के स्नान की अपेक्षा कहीं अधिक प्रभावशाली होता है। तो आइए जानते हैं वृषभ संक्रांति के दिन गंगा स्नान क्यों आवश्यक है।
वृषभ संक्रांति पर गंगा स्नान के लाभ
पापों से मुक्ति का दुर्लभ अवसर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, वृषभ संक्रांति के दिन जो भी व्यक्ति गंगा स्नान करता है, उसके जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं। इसके साथ ही इस दिन आत्मा की शुद्धि के लिए यह अत्यंत शुभ माना जाता है।
मोक्ष प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मान्यता है कि इस दिन गंगा में डुबकी लगाने से आत्मा को मोक्ष की दिशा में गति मिलती है और जीवन के कर्म बंधन कमजोर पड़ते हैं।
तीर्थ स्नान का सौ गुना पुण्य फल
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन गंगा स्नान करने से एक साथ कई तीर्थों के स्नान का पुण्य प्राप्त होता है। यह दिन स्वयं तीर्थों का राजा कहलाता है।
दान और स्नान का श्रेष्ठ संयोजन
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गंगा स्नान के साथ किए गए दान जैसे अन्न, वस्त्र या धन अत्यधिक फलदायी होते हैं।
देवताओं का विशेष आशीर्वाद
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस दिन गंगा देवी, सूर्य देव और विष्णु भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सकारात्मकता, सुख और समृद्धि आती है।
ये भी पढ़ें- Vrishabha Sankranti 2025: वृषभ संक्रांति पर करें ये 5 उपाय, सूर्य की कृपा से हर काम में मिलेगी जीत
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है