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Vidur Niti: इन 5 आदतों से दूर रहें, नहीं तो जीवन भर सम्मान और सुख से रहेंगे वंचित

Vidur Niti: महाभारत के पात्र विदुर अपनी नीति, न्यायप्रियता और दूरदर्शिता के लिए प्रसिद्ध थे। उनकी 'विदुर नीति' आज भी जीवन में सम्मान और सुख पाने का मार्ग दिखाती है। इसके अनुसार कुछ बुरी आदतें व्यक्ति को अपमान और संकटों में डाल देती हैं। आइए जानते हैं, इंसान की ये बुरी आदतें, जिससे वह जीवन भर सम्मान और सुख के लिए तरसता रहता है?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Shyamnandan Updated: Jun 22, 2025 13:39
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Vidur Niti: महाभारत काल में महात्मा विदुर को उनकी बुद्धिमत्ता, दूरदर्शिता और न्यायप्रियता के लिए जाना जाता था। वे हस्तिनापुर के महामंत्री थे और धृतराष्ट्र के छोटे भाई थे। विदुर धर्म-अधर्म के ज्ञाता थे। उन्होंने अपनी नीतियों के माध्यम से जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला है, जिन्हें ‘विदुर नीति’ के नाम से जाना जाता है। यह नीति आज भी उतनी ही प्रासंगिक है, जितनी उस काल में थी, खासकर जब बात व्यक्ति के सम्मान और सुख की हो। विदुर नीति के अनुसार, कुछ आदतें ऐसी हैं जो व्यक्ति को न केवल समाज में अपमानित कराती हैं, बल्कि उसे जीवन भर परेशानियों में भी उलझाए रखती है।

किसका अवतार हैं विदुर?

विदुर जी को भगवान यमराज का अवतार माना जाता है। वे धर्मराज युधिष्ठिर के भी गुरु थे। उनकी सबसे बड़ी खासियत यह थी कि वे बिना किसी लोभ या भय के निष्पक्ष सलाह देते थे। महाभारत के युद्ध को टालने के लिए उन्होंने धृतराष्ट्र को कई बार समझाया, लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई। उनकी नीतियां सिर्फ युद्ध और राजनीति तक सीमित नहीं थीं, बल्कि उन्होंने एक व्यक्ति के चरित्र, आचरण और सामाजिक व्यवहार पर भी गहराई से बात की है। विदुर की नीतियां हमें बताती हैं कि कैसे एक व्यक्ति अपने जीवन को सफल और सम्मानित बना सकता है।

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इन आदतों से व्यक्ति खो देता है सम्मान

अहंकार और घमंड

अहंकारी व्यक्ति कभी किसी की बात नहीं सुनता और हमेशा खुद को श्रेष्ठ समझता है। ऐसे व्यक्ति को जल्द ही दूसरों का अनादर और उपेक्षा झेलनी पड़ती है। याद रखें, ज्ञान विनम्रता से आता है, अहंकार से नहीं।

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अत्यधिक क्रोध

क्रोध व्यक्ति की बुद्धि को हर लेता है। क्रोधी स्वभाव का व्यक्ति अक्सर ऐसे निर्णय ले लेता है जिससे उसे बाद में पछताना पड़ता है। क्रोध नियंत्रण खोने का संकेत है और यह रिश्तों में दरार डालता है।

लोभ और लालच

लोभी व्यक्ति कभी संतुष्ट नहीं होता और हमेशा और अधिक पाने की चाह में अनैतिक कार्य करने से भी नहीं हिचकता। ऐसा व्यक्ति कभी सम्मान नहीं पाता और हमेशा तनाव में रहता है।

ईर्ष्या और द्वेष

दूसरों की सफलता से जलने वाला व्यक्ति कभी खुश नहीं रह पाता। ईर्ष्या उसे अंदर ही अंदर खाती रहती है और वह नकारात्मकता से भर जाता है। ईर्ष्यालु व्यक्ति अपने लिए ही परेशानी खड़ी करता है।

आलस्य और कर्महीनता

आलसी व्यक्ति कभी अपने लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर पाता। वह अपने कर्तव्यों से भागता है और समय बर्बाद करता है। ऐसे व्यक्ति को न तो समाज में मान मिलता है और न ही वह कभी सफलता का स्वाद चख पाता है।

विदुर जी ने अपनी नीति पुस्तक में सुझाव दिया है कि इन आदतों से छुटकारा पाकर ही आप न केवल समाज में सम्मान पा सकते हैं, बल्कि एक सुखी और संतोषजनक जीवन भी जी सकते हैं। विदुर नीति का पालन करके कोई भी व्यक्ति निश्चित रूप से एक बेहतर और सफल जीवन की ओर बढ़ सकते हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jun 22, 2025 01:39 PM

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