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Religion

Vat Purnima Vrat 2025: व्रत में भूलकर भी न करें ये 7 गलतियां, सुहाग पर पड़ सकता है बुरा असर

Vat Purnima Vrat Niyam: वट पूर्णिमा का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और खुशहाल वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं। हालांकि व्रत के दौरान उन्हें कुछ गलतियों को करने से बचना चाहिए। नहीं तो उन्हें अशुभ प्रभाव का सामना करना पड़ता है। चलिए जानते हैं वट पूर्णिमा व्रत से जुड़े नियमों के बारे में।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Jun 9, 2025 14:35
Vat Purnima Vrat 2025 Niyam
सांकेतिक फोटो, Credit- News24 Graphics

Vat Purnima Vrat 2025 Niyam: वट पूर्णिमा का व्रत केवल एक धार्मिक परंपरा नहीं है बल्कि पति-पत्नी के रिश्ते में प्यार, विश्वास और त्याग का प्रतीक है। ये व्रत सत्यवान और सावित्री की कथा पर आधारित है, जिसमें सावित्री ने अपनी तपस्या से यमराज को अपने पति का जीवन वापस लौटाने के लिए मजबूर किया था। इसलिए इस दिन सुहागिन महिलाएं वट यानी बरगद के वृक्ष की पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए उपवास रखती हैं।

वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि 11 जून 2025, वार बुधवार को मनाई जाएगी। लेकिन जो महिलाएं उदयातिथि को मानती हैं वो 10 जून 2025 को ज्येष्ठ पूर्णिमा यानी वट पूर्णिमा का व्रत रखेंगी। हालांकि वट पूर्णिमा व्रत के दौरान महिलाओं को कई नियमों का पालन करना होता है, जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं।

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वट पूर्णिमा व्रत से जुड़े नियम

  • व्रत वाले दिन काले, नीले जैसे गहरे रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। ये रंग नकारात्मकता का प्रतीक हैं, जिनके प्रभाव से व्यक्ति का मन परेशान रहता है।
  • वट पूर्णिमा व्रत के दिन प्याज, लहसुन, मांस और मछली जैसी तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए और न ही इन चीजों को घर में लाना चाहिए।
  • व्रत वाले दिन व्रती को कटु भाषा बोलना, किसी का अपमान करना और झगड़ा करने से बचना चाहिए।
  • व्रत वाले दिन साधक को आंतरिक शुद्धता पर भी ध्यान देना चाहिए। इसके लिए सुबह जल्दी स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूरे दिन मोबाइल और टीवी आदि से दूर रहें।
  • वट पूर्णिमा व्रत में मौसमी फल, दूध से बनी चीजें, सूखे मेवे, कुट्टू-सिंघाटे के आटे से बनी चीजें, शकरकंद, आलू, नारियल पानी, साबूदाना और सेंधा नमक का ही केवल सेवन किया जाता है। इसलिए इस दिन गेहूं, चावल, बेसन, दाल, नमक और मसालेदार भोजन का सेवन न करें। इससे आपका व्रत टूट सकता है।
  • व्रत के दौरान दिन में सोने से बचें।
  • वट पूर्णिमा व्रत के दिन नाखून और बाल काटने से बचें। इससे आपके सुहाग पर अशुभ प्रभाव पड़ सकता है।

वट पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि

व्रती महिलाएं ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बाद स्नान आदि कार्य करने के पश्चात शुद्ध कपड़े धारण करें। सोलह श्रृंगार करें। वट वृक्ष की पूजा करें। पेड़ के पास सत्यवान और सावित्री की प्रतिमा स्थापित करें। देवी सावित्री, सत्यवान जी, विष्णु जी और लक्ष्मी जी की पूजा करें। उन्हें सात तरह के अनाज, कुमकुम, चावल, फल, पान के पत्ते, मिठाई और श्रृंगार का सामान अर्पित करें। परिक्रमा करते हुए वृक्ष में कच्चा सूत लपेटें। पेड़ की जड़ में लोटे से पानी डालें। वट पूर्णिमा व्रत की कथा सुने या पढ़ें। अगले दिन कुछ मीठा खाकर व्रत का पारण करें।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jun 09, 2025 02:35 PM

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