Factory Vastu Niyam: कारखाने या फैक्ट्री लगाने के लिए वास्तु नियम बताए गए हैं। यदि आप इन वास्तु के नियमों का पालन करते हैं तो आपको कारोबार में जबरदस्त लाभ होगा। साथ बिजनेस में आपको बड़ी सफलता भी मिल सकती है। मान्यता है कि इन वास्तु के नियमों का पालन करके बड़े पैमाने पर आप अपना कारोबार फैला सकते हैं।
आज इस खबर में फैक्ट्री या कारखाने लगाने के लिए कुछ महत्वपूर्ण वास्तु नियम बताने वाले हैं जिसे अपनाने से आपके पास कभी भी धन-दौलत की कमी नहीं हो सकती है। तो आइए कारखाने और फैक्ट्री के लिए वास्तु नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं।
फैक्ट्री या कारखाने के लिए वास्तु नियम
वास्तु शास्त्र के अनुसार, फैक्ट्री या कारखाने लगाने के लिए सबसे पहले दिशा का ध्यान रखना पड़ता है। यदि आप वास्तु द्वारा बताए गए दिशा में फैक्ट्री या कारखाने लगाते हैं तो आपको कारोबार डबल का मुनाफा देगा। तो आइए दिशा के बारे में जानते हैं।
फैक्ट्री लगाने की दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, कभी भी फैक्ट्री या कारखाने का मुख्य द्वार उत्तर, पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए। मान्यता है कि यह दिशा वित्तीय प्रवाह के लिए जाना जाता है। इस दिशा में फैक्ट्री का द्वार होने से लाभ मिलता है।
फैक्ट्री के भवन की ऊंचाई
वास्तु शास्त्र के अनुसार, फैक्ट्री के भवन की ऊंचाई पश्चिम और दक्षिणी भाग और पूर्वी, उत्तरी भाग से ऊंचा नहीं होना चाहिए। यानी जो भवन की ऊंचाई होना चाहिए वह चारों ओर से बराबर होना चाहिए।
प्रवेश द्वार
वास्तु शास्त्र के अनुसार, फैक्ट्री का प्रवेश द्वार पूर्व दिशा में होना चाहिए। ऐसा करने से कारोबार में लाभ, सफलता और सुख-शांति मिलती है।
मालिक का ऑफिस
वास्तु शास्त्र के अनुसार, कारखाना में मालिक का ऑफिस पूर्वी या उत्तरी क्षेत्र में स्थित होना चाहिए। मान्यता है कि इस क्षेत्र में होने से कारोबार में समृद्धि और मौद्रिक लाभ होता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी वास्तु शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।