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Religion

मेंहदीपुर बालाजी मंदिर से कभी घर न लाएं ये 5 सामान, सोच से भी बड़ा होगा नुकसान

Mehandipur Balaji Temple: राजस्थान के मेहंदीपुर बालाजी मंदिर रामभक्त हनुमान का बेहद प्रसिद्ध टेंपल है। यहां प्रभु का बाल स्वरूप विद्यमान है। मान्यता है कि इस मंदिर में लोगों को उनकी समस्याओं, भूत-प्रेतों आदि से मुक्ति मिल जाती है। इस मंदिर में कुछ कड़े नियम हैं, जिनको मानना अनिवार्य होता है। माना जाता है कि इस मंदिर से कुछ चीजों को वापस घर ने ले जाया जाता है। आइए जानते हैं कि वे कौन सी चीजें हैं, जिनको यहां से घर नहीं ले जाना चाहिए।

Author Written By: News24 हिंदी Author Published By : Mohit Tiwari Updated: Jun 18, 2025 17:16
Mehandipur Balaji Temple
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर

Mehandipur Balaji Temple: मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, राजस्थान के दौसा जिले में दो पहाड़ियों के बीच बसा हुआ एक प्रसिद्ध हनुमान मंदिर है। यह मंदिर अपनी चमत्कारी शक्तियों और भूत-प्रेत बाधाओं से मुक्ति दिलाने के लिए जाना जाता है। देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु यहां बजरंगबली के दर्शन और अपनी समस्याओं के निवारण के लिए आते हैं। इस मंदिर से जुड़े कुछ सख्त नियम हैं, जिनका पालन करना बेहद जरूरी है। कुछ ऐसी चीजें हैं, जिन्हें मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से घर लाना मना है। ऐसा माना जाता है कि इन चीजों को घर लाने से नकारात्मक शक्तियां हावी हो सकती हैं, जिससे बड़ा नुकसान हो सकता है। आइए जानते हैं वे कौन सी चीजें हैं, जिनको आपको मंदिर से घर नहीं लाना चाहिए।

मंदिर का प्रसाद

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में प्रसाद को घर लाना सख्त मना है। आमतौर पर मंदिरों में प्रसाद को घर लाकर बांटना शुभ माना जाता है, लेकिन मेहंदीपुर बालाजी में यह नियम उल्टा है। यह मंदिर भूत-प्रेत और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति के लिए प्रसिद्ध है। मान्यता है कि यहां का प्रसाद नकारात्मक शक्तियों से प्रभावित हो सकता है। अगर कोई इसे खाता है या घर ले जाता है तो वह अपने साथ बुरी ऊर्जा ला सकता है।

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मंदिर में दो तरह का प्रसाद चढ़ाया जाता है। इसमें एक दरखास्त और दूसरा अर्जी का प्रसाद होता है। दरखास्त का प्रसाद चढ़ाने के बाद तुरंत मंदिर से निकल जाना चाहिए, जबकि अर्जी का प्रसाद लौटते समय पीछे फेंक दिया जाता है। फेंकने के बाद पीछे मुड़कर देखने की मनाही होती है। इस कारण यहां का प्रसाद वहीं खा लें लेकिन घर नहीं लाएं। इसके अलावा भी सवामनी आदि का भोग लगता है।

खाने-पीने की चीजें

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर से किसी भी तरह की खाने-पीने की चीज, जैसे पानी की बोतल, फल या अन्य खाद्य पदार्थ घर लाना वर्जित है। ऐसा विश्वास है कि मंदिर के आसपास की ऊर्जा बहुत शक्तिशाली होती है और यहां खरीदी गई या प्राप्त की गई खाने-पीने की चीजें नकारात्मक शक्तियों से प्रभावित हो सकती हैं। अगर आप इन्हें घर ले जाते हैं तो यह आपके परिवार और घर के माहौल पर बुरा असर डाल सकता है। यह नियम इसलिए भी बनाया गया है, क्योंकि मंदिर में कई लोग ऊपरी बाधाओं से मुक्ति पाने आते हैं और ऐसी चीजें अनजाने में नकारात्मक ऊर्जा का वाहक बन सकती हैं। इस कारण मंदिर में खरीदा हुआ कोई भी खाद्य पदार्थ वहीं छोड़ देना चाहिए।

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सुगंधित चीजें

मेहंदीपुर बालाजी से सुगंधित चीजें जैसे इत्र, अगरबत्ती या फूल भी घर लाना मना है। लोक मान्यता के अनुसार, सुगंधित वस्तुएं नकारात्मक शक्तियों को आकर्षित कर सकती हैं। मंदिर का वातावरण ऐसी ऊर्जाओं से भरा होता है, जो सामान्य नहीं हैं। अगर आप यहां से सुगंधित चीजें घर लाते हैं तो यह नकारात्मक ऊर्जा को आपके साथ ला सकती हैं।

पूजा की सामग्री

मंदिर में पूजा के लिए लाई गई या वहां खरीदी गई सामग्री जैसे लड्डू, चावल, उड़द, या अन्य भोग की चीजें घर नहीं ले जानी चाहिए। मेहंदीपुर बालाजी में बालाजी महाराज को लड्डू, प्रेतराज सरकार को चावल और भैरव बाबा को उड़द का भोग चढ़ाया जाता है। ये सामग्रियां पूजा के बाद वहीं छोड़ देनी चाहिए। मान्यता है कि पूजा की सामग्री में नकारात्मक ऊर्जा समा सकती है, खासकर तब जब यह उन लोगों के लिए चढ़ाई जाती है, जो ऊपरी बाधाओं से पीड़ित हैं। अगर आप इसे घर ले जाते हैं, तो यह आपके घर में अशांति और परेशानियां ला सकता है। इस कारण पूजा की सामग्री को मंदिर परिसर में ही छोड़ दें।

मंदिर से खरीदा कोई भी सामान

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के आसपास से खरीदा गया कोई भी सामान जैसे झंडा, कड़ा, ताबीज या अन्य धार्मिक वस्तुएं घर नहीं लानी चाहिए। कई लोग मंदिर के पास से विशेष झंडा या कड़ा खरीदकर उसे घर की छत पर लगाते हैं या पहनते हैं, लेकिन यह गलत है। ऐसा माना जाता है कि मंदिर के आसपास का सामान नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित हो सकता है। अगर आप इसे घर ले जाते हैं तो यह आपके जीवन में समस्याएं पैदा कर सकता है। मंदिर के नियमों के अनुसार यहां से खरीदी गई किसी भी चीज को वहीं छोड़ देना चाहिए ताकि आप सुरक्षित रहें।

क्यों हैं ये नियम?

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का वातावरण सामान्य मंदिरों से अलग है। यहां हनुमान जी के बालाजी स्वरूप के साथ-साथ प्रेतराज सरकार और भैरव बाबा की पूजा होती है। मंदिर में हर दिन दोपहर 2 बजे प्रेतराज सरकार के दरबार में कीर्तन होता है, जिसमें ऊपरी बाधाओं से पीड़ित लोग शामिल होते हैं। इस दौरान मंदिर की ऊर्जा बहुत शक्तिशाली और संवेदनशील होती है। यहां की हर चीज चाहे वह प्रसाद हो, खाना हो या पूजा की सामग्री हो, नकारात्मक शक्तियों से प्रभावित हो सकती है। इस कारण इन चीजों को घर लाने से बचना चाहिए ताकि आप और आपका परिवार किसी भी तरह की बुरी ऊर्जा से बचा रहे।

इन नियमों का भी करें पालन

मेहंदीपुर बालाजी जाने से पहले कुछ अन्य नियमों का भी पालन करना जरूरी है। यहां आने से कम से कम एक हफ्ते पहले मांस, शराब, लहसुन, और प्याज जैसी तामसिक चीजों का सेवन बंद कर देना चाहिए। दर्शन के दौरान पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए। खासकर अर्जी का प्रसाद फेंकते समय पीछे न देखें। इसके अलावा मंदिर में वीडियो रिकॉर्डिंग या फोटो खींचना मना है क्योंकि इससे वहां की पवित्रता भंग हो सकती है।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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First published on: Jun 18, 2025 05:16 PM

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