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Sita Navami 2025 : सीता नवमी आज, इस प्रकार पूजन से पूरी होंगी सभी मनोकामनाएं

Sita Navami 2025 : सीता नवमी हिंदू धर्म का एक पवित्र पर्व है, जो माता सीता के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। साल 2025 में सीता नवमी 5 मई को मनाई जा रही है। माता सीता, भगवान राम की पत्नी और मर्यादा की प्रतीक, धैर्य, पवित्रता और नारी शक्ति का प्रतीक हैं। यह दिन खासकर वैवाहिक सुख, संतान प्राप्ति और जीवन में स्थिरता की कामना करने वालों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन माता सीता और प्रभु राम का पूजन सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति कराता है।

Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: May 5, 2025 08:56
sita navami 2025

Sita Navami 2025 : सीता नवमी माता सीता के जन्मदिन का उत्सव है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, माता सीता मिथिला के राजा जनक की पुत्री थीं, जिन्हें हल चलाते समय मिट्टी के घड़े से धरती माता की गोद से प्राप्त किया गया था। इस कारण उन्हें ‘जानकी’, ‘मैथिली’ और ‘भूमिजा’ भी कहा जाता है। माता सीता का जीवन नारी के आदर्शों का प्रतीक है। वे प्रेम, समर्पण, साहस और नैतिकता की मूर्ति हैं।

सीता नवमी का पर्व वैवाहिक जीवन में सुख और प्यार बढ़ाने के लिए खास माना जाता है। इस दिन माता सीता और भगवान राम की पूजा से रिश्तों में विश्वास और मजबूती आती है। यह पर्व संतान की चाह रखने वाले कपल्स के लिए भी खास होता है। मिथिलांचल, अयोध्या, और रामेश्वरम जैसे स्थानों पर यह पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।

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सीता नवमी की तिथि और पूजन मुहूर्त

2025 में सीता नवमी 5 मई को मनाई जा रही है। पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल नवमी तिथि 5 मई 2025 को सुबह 7:35 बजे शुरू हो रही है और 6 मई 2025 को सुबह 8:38 बजे खत्म होगी। उदया तिथि के आधार पर, व्रत और पूजा 5 मई को होगी। शुभ मुहूर्त सुबह 10:58 बजे से दोपहर 1:38 बजे तक है, यानी कुल 2 घंटे 40 मिनट तक यह रहेगा। इस दौरान राहु काल दोपहर 12:00 बजे से 1:30 बजे तक रहेगा। इस दौरान पूजन से बचें। इस दिन रवि योग भी बन रहा है, जो पूजा के प्रभाव को और बढ़ाएगा।

सीता नवमी पर ऐसे करें पूजन

सीता नवमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। महिलाएं लाल या पीली साड़ी या ड्रेस पहन सकती हैं। ये रंग माता सीता को प्रिय हैं। घर के मंदिर या पूजा स्थान को साफ करें, गंगाजल छिड़कें, रंगोली बनाएं और फूलों से सजाएं। माता सीता और भगवान राम की मूर्ति या फोटो को लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़े के ऊपर स्थापित करें। इसके साथ ही लक्ष्मण और हनुमान जी की मूर्ति भी रख सकते हैं। घी का दीपक जलाएं और माता सीता को लाल या पीले फूल, माला, चंदन, और रोली अर्पित करें। इसके अलावा खीर, हलवा या फल का भोग लगाएं, जिसमें तुलसी पत्र जरूर शामिल करें।

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इसके बाद ‘ॐ श्री सीतारामाय नमः’ या ‘श्री सीतायै नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें और रामचरितमानस के अयोध्या कांड या जानकी स्तोत्र का पाठ करें। पूजा के अंत में सीता-राम की आरती करें, परिवार और पड़ोसियों में प्रसाद बांटें। अंत में, किसी जरूरतमंद महिला को लाल वस्त्र, बिंदी, या अनाज दान करें। यह उपाय माता सीता को प्रसन्न करता है।

सीता नवमी पर करें ये उपाय

  • माता सीता को सफेद फूलों की माला चढ़ाएं। ‘ॐ शुं शुक्राय नमः’ मंत्र का 21 बार जाप करें। शुक्रवार को सफेद मिठाई दान करें।
  • इमोशनल बैलेंस के लिए चंद्रमा को दूध और चावल दान करें। ‘ॐ सोमाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। चांदी का कड़ा पहनें।
  • संतान प्राप्ति के लिए कपल्स माता सीता को लाल चुनरी चढ़ाएं। रामचरितमानस के बाल कांड का पाठ करें। मंदिर में बच्चों को फल बांटें।
  • वैवाहिक जीवन में सुख के लिए पति-पत्नी मिलकर राम-सीता को पीले फूल चढ़ाएं। ‘ॐ सीता रामाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। लाल कपड़े का दान करें।
  • धन और सुख समृद्धि के लिए माता सीता और लक्ष्मी को कमल का फूल चढ़ाएं। ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का 21 बार जाप करें। अनाज का दान करें।
  • मनोकामना पूर्ति के लिए राम मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति का सिंदूर लाकर माता सीता के चरणों में चढ़ाएं। इसे सुबह, दोपहर और शाम, तीन बार करें।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्रों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Mohit Tiwari

First published on: May 05, 2025 08:56 AM

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