पैसे की कमी या कर्ज से परेशान हैं तो आप ऋग्वेद के खंड 5 में संकलित एक दिव्य स्त्रोत का पाठ कर सकते हैं। इस स्त्रोत को श्रीसूक्तम नाम से जाना जाता है। यह माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने वाला स्त्रोत है। इसमें माता लक्ष्मी की स्तुति की गई है। इसमें कुल 15 मंत्र या ऋचाएं हैं, जिनमें माता लक्ष्मी के स्वरूप, गुण के साथ ही कृपा पाने के उपाय बताए गए हैं।
माता लक्ष्मी को इस स्त्रोत में श्री कहा गया है। इसमें देवी को सोने के समान चमक, धन और समृद्धि व ऐश्वर्य प्रदान करने वाली बताया गया है। लक्ष्मी तंत्र, स्कंद पुराण, और पद्म पुराण में भी इस स्त्रोत के महत्व को बताया गया है।
कब करना चाहिए यह पाठ
- श्रीसूक्तम का पाठ सुबह या शाम के समय करना शुभ माना जाता है।
- शुक्रवार, पूर्णिमा, दीपावली, अक्षय तृतीया और नवरात्रि जैसे पावन दिनों में इसका पाठ करना सबसे प्रभावशाली माना गया है।
- अगर कोई धन संबंधी परेशानी हो या कर्ज हो तो प्रतिदिन इसका पाठ किया जा सकता है।
ऐसे करें पाठ
सबसे पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजन स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र के सामने घी का दीपक जलाएं। देवी लक्ष्मी को लाल पुष्प, चावल, कुमकुम और केसर, मिठाई अर्पित करें। श्रीसूक्तम का पाठ करें और हर श्लोक का उच्चारण स्पष्टता और श्रद्धा के साथ करें। पाठ के बाद माता लक्ष्मी की आरती करें और पूजम में गलती की क्षमा मांग लें।
मिलते हैं ये लाभ
- श्रीसूक्तम का डेली या शुक्रवार को पाठ करने से व्यक्ति धनवान बनता है। अगर ईमानदारी और मेहनत के साथ ही इसका पाठ किया जाए तो रंक भी राजा बन सकता है।
- कर्ज से मुक्ति दिलाने का यह अचूक उपाय माना गया है।
- करियर में स्टेबिलिटी और व्यापार में उन्नति के लिए भी इसका पाठ बेहद लाभकारी है।
- मानसिक परेशानी भी इस पाठ के दूर होती है। यह व्यक्ति का आत्मिक शांति देता है।
- इसके पाठ से नकारात्मक ऊर्जा का अंत हो जाता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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