Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि के समापन पर कलश विसर्जन किया जाता है. दुर्गा विसर्जन के साथ ही कलश विसर्जन किया जाता है. इस साल 22 सितंबर को शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो गई थी. अष्टमी और नवमी तिथि 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को है. इसके साथ ही दशहरा 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा. चलिए आपको बताते हैं कि, दुर्गा विसर्जन और कलश विसर्जन कब होगा.
आश्विन माह की दशमी तिथि की शुरुआत 1 अक्टूबर की शाम 07 बजकर 01 मिनट पर होगी. जिसका समापन 02 अक्टूबर की शाम 07 बजकर 10 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार, 2 अक्टूबर 2025 को दुर्गा विसर्जन किया जाएगा. इसी दिन कलश विसर्जन होगा. चलिए आपको कलश विसर्जन कैसे करते हैं साथ ही इसके अंदर की सामग्री का क्या करते हैं इसके बारे में बताते हैं.
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कैसे करें कलश विसर्जन? (Kalash Visarjan)
कलश विसर्जन से पहले इसके ऊपर के नारियल को प्रसाद के तौर पर बांट दें. इसके साथ ही कलश के अंदर के जल को आम के पत्तों की मदद से पूरे घर में छिड़क दें. आप इस जल को पीपल के पेड़ की जड़ में चढ़ा सकते हैं. आपको मिट्टी के कलश को नदी और बहते हुए स्वच्छ जल में प्रवाहित कर देना चाहिए. कलश में जल के अलावा कमल गट्टे, लौंग, सुपारी सामग्री रखी हो तो इसे नदी में प्रवाहित कर दें.
कलश विसर्जन मंत्र (Kalash Visarjan Mantra)
कलश विसर्जन के दौरान कलश उठाते समय आपको “आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्। पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर॥” मंत्र का जाप करना चाहिए. इसके बाद विसर्जन के समय “”गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ, स्वस्थानं परमेश्वरी, पूजाराधनकाले च पुनरागमनाय च।” मंत्र का जाप करना है. विसर्जन के बाद आपको “ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” मंत्र का जाप करना चाहिए.
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.