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मां स्कंदमाता देवी की आरती | Maa Skandamata Devi Ki Aarti Lyrics in Hindi- 5th Navratri पूजा, जानें शुभ मुहूर्त, विधि, प्रिय भोग, मंत्र व रंग

Shardiya Navratri 2025 5th Day Maa Skandamata: साल 2025 में 27 सितंबर को शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन है यानी इस दिन मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप देवी स्कंदमाता की पूजा की जाएगी. आइए जानते हैं शनिवार को देवी स्कंदमाता की पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है. साथ ही आपको माता के इस रूप के स्वरूप, पूजा विधि, मंत्र, भोग और आरती आदि के बारे में जानने को मिलेगा.

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Sep 26, 2025 16:14
Shardiya Navratri 2025 5th Day
Credit- News 24 Gfx

Shardiya Navratri 2025 5th Day Maa Skandamata Puja: साल में आने वाली कुल 4 नवरात्रि में शारदीय नवरात्रि को बेहद शुभ माना जाता है, जिस दौरान अधिकतर लोग मां दुर्गा की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं. द्रिक पंचांग के अनुसार, शारदीय नवरात्रि का आरंभ आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होता है, जबकि समापन आश्विन माह की दशमी तिथि यानी दशहरा के दिन दुर्गा विसर्जन के साथ होता है. इस बार 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि का आरंभ हो गया है, जिसका समापन 2 अक्टूबर को होगा.

हालांकि, इस बार तृतीया तिथि दो दिन तक पड़ रही है. ऐसे में 24 सितंबर और 25 सितंबर को नवरात्रि की तृतीया तिथि थी, जिस दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप देवी चंद्रघंटा की पूजा की गई. वहीं, अब 27 सितंबर को नवरात्री के पांचवें दिन मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप देवी स्कंदमाता की पूजा की जाएगी.

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देवी स्कंदमाता कौन हैं?

देवताओं के सेनापति कार्तिकेय जी, भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र हैं, जिन्हें स्कन्द के नाम से भी जाना जाता है. वहीं, देवी दुर्गा माता पार्वती का रूप हैं. इसलिए मां दुर्गा के इस रूप को देवता स्कन्द की माता के रूप में देवी स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है. देश के कई राज्यों में देवी स्कंदमाता को देवी पद्मासना के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वो पुष्प पर विराजमान रहती हैं. इसके अलावा ग्रहों के राजकुमार यानी बुध ग्रह को देवी स्कंदमाता द्वारा शासित किया जाता है.

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देवी स्कंदमाता का स्वरूप (Maa Skandamata Devi Swaroop)

देवी स्कंदमाता की सवारी क्रूर सिंह है, जबकि उनकी चार भुजाएं हैं. मां की ऊपरी दोनों भुजाओं में कमल पुष्प हैं, जबकि दाहिने तरफ का एक हाथ अभय मुद्रा में और दूसरे हाथ में बालक मुरुगन है. बालक मुरुगन की पूजा भगवान कार्तिकेय और भगवान गणेश के भ्राता के रूप में की जाती है.

देवी स्कंदमाता की पूजा का शुभ मुहूर्त (Maa Skandamata Devi Puja Shubh Muhurat)

देवी स्कंदमाता की प्रिय चीजें (Maa Skandamata Devi Priya Bhog)

  • पुष्प- कमल का फूल
  • फल- केला
  • मिठाई- बेसन के लड्डू
  • रंग- पीला

देवी स्कंदमाता का मंत्र (Maa Skandamata Devi Ki Mantra)

  • ॐ देवी स्कन्दमात्रे नमः॥

देवी स्कंदमाता की प्रार्थना (Maa Skandamata Devi Ki Prathna)

सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥

देवी स्कंदमाता की स्तुति (Maa Skandamata Devi Ki Stuti)

या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

देवी स्कंदमाता की आरती (Maa Skandamata Devi Ki Aarti Lyrics in Hindi)

जय तेरी हो स्कन्द माता। पांचवां नाम तुम्हारा आता॥
सबके मन की जानन हारी। जग जननी सबकी महतारी॥
तेरी जोत जलाता रहूं मैं। हरदम तुझे ध्याता रहूं मैं॥
कई नामों से तुझे पुकारा। मुझे एक है तेरा सहारा॥
कही पहाड़ों पर है डेरा। कई शहरों में तेरा बसेरा॥
हर मन्दिर में तेरे नजारे। गुण गाये तेरे भक्त प्यारे॥
भक्ति अपनी मुझे दिला दो। शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो॥
इन्द्र आदि देवता मिल सारे। करे पुकार तुम्हारे द्वारे॥
दुष्ट दैत्य जब चढ़ कर आए। तू ही खण्ड हाथ उठाये॥
दासों को सदा बचाने आयी। भक्त की आस पुजाने आयी॥

देवी स्कंदमाता की पूजा विधि (Maa Skandamata Devi Puja Vidhi)

  • सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान आदि करने के बाद स्वच्छ पीले रंग के वस्त्र धारण करें.
  • गंगाजल से पूजा स्थल की सफाई करें.
  • मां दुर्गा की प्रतिमा के पास देवी स्कंदमाता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
  • हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प लें.
  • देवी को फूल, फल, धूप, दीप, मिठाई और नैवेद्य अर्पित करें.
  • अखंड ज्योत के अलावा एक और घी का दीपक जलाएं.
  • देवी स्कंदमाता के मंत्रों का जाप करें.
  • व्रत की कथा सुनें या पढ़ें.
  • आरती करके पूजा का समापन करें.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Sep 26, 2025 04:12 PM

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