Shardiya Navratri 2024: शास्त्रों में कहा गया है कि जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी तो उन्होंने सबसे पहले जौ को उगाया था। इसलिए जौ को सृष्टि की पहली फसल भी कहा जाता है। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के समय साधक जौ को बोते हैं। ऐसा माना जाता है कि जौ की फसल जिस रंग में उगने के बाद दिखाई देता है वह साधक के भविष्य के बारे में संकेत देता है। आइए जानते हैं जौ कौन सा शुभ या अशुभ संकेत देता है?
अशुभ संकेत
यदि कलश स्थापना के दिन बोई गई जौ उगने के बाद सूख जाए या झड़ने लगे तो इसे अशुभ माना जाता है। जौ का सूखना या झड़ना यह बताता है कि साधक के जीवन में कोई संकट आने वाला है। जौ का झड़ना या सूखना इस बात का भी संकेत है कि आपके वैवाहिक जीवन में दरार आने की संभावना है। यदि कलश स्थापना के बाद नौ दिनों तक भी जौ न उगे या पीली पड़ जाए तो इसका अर्थ है कि आपके परिवार पर कोई बड़ा संकट आने वाला है।
शुभ संकेत
नवरात्रि के पहले दिन बोई गई जौ यदि हरी और अच्छी उगे तो इसे शुभ संकेत माना जाता है। साथ ही अगर जौ तेजी से उगने लगे तो इसे भी शुभ संकेत माना गया है। ऐसा माना जाता है कि जौ का इस तरह उगना इस बात का संकेत है कि आपके घर से नकारात्मकता जल्द ही दूर होने वाली है। साथ ही जौ का तेजी से बढ़ना इस बात का संकेत देता है कि आपके घर में सुख और समृद्धि में जल्द ही वृद्धि बढ़ने वाली है। यह इस बात का भी संकेत है कि माता दुर्गा आपसे प्रसन्न हैं और उनकी कृपा आपके परिवार पर बनी हुई है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।