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Sharad Purnima 2025: 6 या 7 अक्टूबर, शरद पूर्णिमा कब? जानें तिथि और चन्द्रोदय का समय

Sharad Purnima 2025 Date & Shubh Muhurat: हर साल आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है, जिस दिन सुबह भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा व रात में चंद्र देव की उपासना की जाती है. हालांकि, इस बार पूर्णिमा तिथि को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है. चलिए जानते हैं वर्ष 2025 में 6 अक्टूबर या 7 अक्टूबर, किस दिन शरद पूर्णिमा है.

Author Written By: Nidhi Jain Author Published By : Nidhi Jain Updated: Sep 25, 2025 09:51
Sharad Purnima 2025
Credit- News 24 Gfx

Sharad Purnima 2025 Date & Shubh Muhurat: साल में कुल 12 बार पूर्णिमा आती है. प्रत्येक पूर्णिमा का अपना महत्व है, जिस दिन देवी-देवताओं की पूजा करने से विशेष लाभ होता है. 12 पूर्णिमाओं में से शरद पूर्णिमा को भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा के लिए खास माना जाता है. साथ ही इस दिन चंद्र देव की पूजा करना बेहद शुभ रहता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होता है और धरती पर अमृत बरसता है. इसलिए इस दिन की गई पूजा सीधे चंद्र देव तक पहुंचती है. हालांकि, कुछ लोग इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान और जरूरतमंद लोगों को दान भी देते हैं. इससे उन्हें पुण्य मिलता है और पाप नष्ट होते हैं.

शरद पूर्णिमा 2025 में कब है?

द्रिक पंचांग के अनुसार, प्रत्येक वर्ष आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा की पूजा की जाती है. हालांकि, कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं. इस बार 6 अक्टूबर की दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से लेकर 7 अक्टूबर की सुबह 9 बजकर 16 मिनट तक आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि है. ऐसे में उदया तिथि के आधार पर इस बार 6 अक्टूबर 2025, वार सोमवार को शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा.

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शरद पूर्णिमा पर खीर का भोग लगाने का महत्व

देश के कई राज्यों में शरद पूर्णिमा को रास पूर्णिमा, कोजागरा पूर्णिमा और कौमुदी व्रत के नाम से भी जाना जाता है. शरद पूर्णिमा की रात चंद्र देव को खीर का भोग लगाना भी शुभ होता है. साथ ही पूरी रात चांद्र की रोशनी में खीर को रखा जाता है, जिसका अगले दिन पूजा-पाठ करके सेवन किया जाता है. मान्यता है कि रातभर चांदनी रात में खीर रखने से वो शुद्ध हो जाती है, जिसका सेवन करने से रोग और नकारात्मक ऊर्जा से मुक्ति मिलती है. साथ ही घर में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है.

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शरद पूर्णिमा की पूजा का शुभ मुहूर्त

  • सूर्योदय- प्रात: काल 06:33 पर
  • ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल 04:56 से सुबह 05:44
  • सूर्यास्त- शाम 06:22
  • प्रातः सन्ध्या- प्रात: काल 05:20 से सुबह 06:33
  • चन्द्रोदय- शाम 05:47

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Sep 25, 2025 09:51 AM

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