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Shanivar ke Upay: शनिवार की शाम में इन 3 उपायों से करें शनिदेव को प्रसन्न, तेल चढ़ाने में न करें ये गलतियां

शनिवार का दिन शनि आराधना का विशेष दिन है। इस दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए अनेक उपाय किए जाते हैं। यहां ऐसी ही 3 उपायों को बताया गया है, जिसे शनिवार की शाम में करने से लाभ होता है। साथ ही यदि आप शनिदेव को सरसों तेल अर्पित करते हैं, तो इससे संबंधित कुछ गलतियां करने से बचना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं, विस्तार से ये उपाय और सावधानियां।

Author Edited By : Shyamnandan Updated: May 17, 2025 08:58
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हिन्दू धर्म में शनिवार का दिन कर्मफल के स्वामी और न्यायाधीश शनिदेव को समर्पित है। जीवन में कर्मठता, अनुशासन, स्थिरता और सुख-शांति के लिए शनिदेव की कृपा बेहद जरूरी है। मान्यता है कि शनिवार का दिन शनिदेव को प्रसन्न कर जीवन की बाधाओं को दूर करने, न्याय प्राप्त करने और कर्मों के फल को अनुकूल बनाने में सहायक होता है। इस दिन की शाम को किए गए उपाय विशेष प्रभावशाली माने गए हैं। यहां शनिदेव को प्रसन्न करने के 3 दुर्लभ लेकिन सरल उपाय की चर्चा की गई अत्यंत प्रभावशाली माने जाते हैं। इसके साथ आज शनिदेव को सरसों का तेल भी अर्पित किया जाता है। आइए जानते हैं, ये उपाय क्या हैं और शनिदेव को तेल चढ़ाते समय क्या गलतियां नहीं करनी चाहिए?

शनिदेव को प्रसन्न करने के उपाय

1. लोहे की कटोरी में दीपक जलाएं: शनिवार की शाम पीपल के वृक्ष के नीचे लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें काले तिल डालें और दीपक जलाएं। इसके साथ ‘ॐ शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। यह उपाय शनिदेव के क्रोध को शांत करता है और शनि दोष या साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करता है।

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2. काले कुत्ते या कौवे को तेल चुपड़ी रोटी खिलाएं: शनिवार की शाम को काले कुत्ते या कौवे को सरसों के तेल में चुपड़ी रोटी खिलाएं। यदि कौवा या काला कुत्ता न दिखे, तो शनि मंदिर में जाकर वही रोटी दान करें। यह उपाय मनुष्य के कर्मों का शोधन करता है और गुप्त बाधाओं को दूर करता है। आपको बता दें कि कौवा शनिदेव का वाहन है।

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3. काले वस्त्र के साथ दीपदान करें: शनिवार की शाम में नीले रंग के पुष्प, जैसे नीलकमल या अपराजिता के साथ काले कपड़े में थोड़े काले तिल और लौंग रखकर उसे एक दीपक के साथ बहते जल में प्रवाहित करें। बहते जल में प्रवाहित करते समय मन में शनि के प्रति क्षमा प्रार्थना करें और मानसिक रूप से अपने दोषों को स्वीकार करें। यह उपाय दुर्लभ लेकिन प्रभावशाली है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और शुभ फल प्रदान करता है।

शनिदेव को तेल चढ़ाते समय न करें ये गलतियां

शनिवार का दिन शनिदेव की आराधना से शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या, शनि के अशुभ प्रभाव आदि से मुक्ति पाने का खास दिन होता है। यही कारण है कि शनिवार को ऐसे उपाय किए जाते हैं, जो शनि के कष्‍टों से राहत दें। इन उपायों में एक बेहद लोकप्रिय और मान्यताप्राप्त उपाय है शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करना।

शनिवार को शनि का यह उपाय करते सरसों का तेल शनिदेव की प्रतिमा के पैर की आखिरी उंगली पर ही चढ़ाएं। मान्यता है कि कभी भी शनि की पूरी मूर्ति पर तेल नहीं चढ़ाया जाता है। लेकिन यदि शनिदेव की मूर्ति की जगह वे अनगढ़ शिला (पत्‍थर) के रूप में विराजमान हैं, तो उस पर तेल की धार डालना सही है।

शनिदेव की मूर्ति पर सरसों का तेल अर्पित करते समय भूल से भी शनि की मूर्ति के सीधे सामने खड़ा नहीं होना चाहिए और न ही शनि देव की आंखों में आंखें डालकर देखना चाहिए। माना जाता है कि शनि की न केवल टेढ़ी या तिरछी बल्कि अन्य प्रकार की नजर काफी कष्‍टकारी होती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: May 17, 2025 08:58 AM

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