Shani Jayanti 2024 Date: शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या नाम सुनकर सभी लोग डर जाते हैं और डरे भी क्यों न। क्योंकि शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या है ही इतनी खतरनाक। जी हां शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से बचने के लिए लोग कई तरह-तरह के उपाय भी करते हैं। शनि देव के प्रकोप से बचने के लिए शनि देव की उपासना करते हैं। साथ ही विधि-विधान से पूजा की जाती है।
शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए सबसे बेहतर दिन शनि जयंती का है। इस दिन शनि देव की विधि-विधान से पूजा करने से साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पा सकते हैं। साथ ही जीवन में सुख-शांति भी बनी रहेगी। तो आज इस खबर में जानेंगे कि शनि जयंती कब है, शुभ मुहूर्त क्या है। साथ किन-किन उपायों से साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पा सकते हैं।
कब है शनि जयंती
दृक पंचांग के अनुसार, शनि जयंती ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन मनाई जाती है। ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि की शुरुआत 5 जून 2024 दिन बुधवार को शाम 7 बजकर 50 मिनट पर हो रही है। वहीं समाप्ति की बात करें तो अगले दिन यानी 6 जून शाम 6 बजकर 07 मिनट पर होगी। उदया तिथि के उदया तिथि के अनुसार, शनि जयंती 6 जून को मनाई जाएगी। ज्योतिषियों के अनुसार, शनि जयंती के दिन धृति योग और रोहिणी नक्षत्र का भी संयोग रहेगाा। जिसके वजह से शनि जयंती का महत्व और अधिक बढ़ गया है।
शनि जयंती उपाय
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव की कृपा पाने के लिए शनि जयंती के दिन व्रत रखें। साथ ही विधि-विधान से शनि देव की पूजा करें। उसके बाद शनि देव पर सरसों का तेल और काला तिल अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में खुशहाली आती है। साथ ही सुख-सुविधाओं में वृद्धि होती है।
ज्योतिषियों के अनुसार, जिन लोगों की कुंडली में शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या चल रही है, वैसे लोगों को शनि देव के मंत्रों का जाप करना चाहिए। साथ ही शाम के समय में शनि चालीसा का पाठ भी करना चाहिए। ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।