चैत्र माह की अमावस्या तिथि 28 मार्च 2025 की रात 7 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी। यह 29 मार्च 2025 की शाम 4 बजकर 27 मिनट तक रहने वाली है। उदया तिथि के अनुसार मानें तो अमावस्या 29 मार्च को पड़ेगी। शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनिश्चरी अमावस्या के नाम से जाना जाता है।
शनि अमावस्या के दिन स्नान-दान का ब्रह्ममुहूर्त सुबह 4 बजकर 42 मिनट से सुबह 5 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से दोपहर 12 बजकर 51 मिनट तक रहने वाला है। शनि अमावस्या के दिन कुछ उपायों को करने से जीवन की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। आइए जानते हैं कि शनि अमावस्या के दिन कौन से उपायों को करना चाहिए।
शनि देव की पूजा
शनि अमावस्या के दिन शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करें। इसके साथ ही काले तिल, उड़द की दाल और लोहे की वस्तुओं का दान करें। शनिदेव के सामने दीपक जलाकर ॐ शनैश्चराय नमः मंत्र का 108 बार जाप करें।
पीपल के पेड़ का करें पूजन
शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और जल अर्पित करने के बाद कम से कम 7 परिक्रमा करें।
हनुमान जी की उपासना करें
हनुमान चालीसा का पाठ करें और चमेली के तेल का दीपक जलाएं। गुड़ और चने का प्रसाद लगाएं और फिर उसको गरीबों में बांट दें। हनुमान मंदिर में जाकर सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करें।
शनि मंत्र का करें जाप
घर में शनि यंत्र स्थापित करें और उनकी डेली पूजा करें। इसके साथ ही ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करें।
जरूरतमंदों को दें दान
शनि अमावस्या के दिन जरूरतमंदों को भोजन कराएं और अन्न का दान दें। गौशाला में चारा या गुड़ भी गोवंशों को खिलाएं।
मिलते हैं ये फायदे
इन उपायों करने के नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है। रोग ठीक होने लगते हैं। इसके साथ ही जीवन में सुख-समृद्धि और धन आता है। विपत्तियों का नाश होता है और पितरों की कृपा प्राप्त होती है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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