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Sawan Somwar 2025 : आज की रात कैसे करें भगवान शिव का अभिषेक? जानें पूरी विधि

Sawan Somwar 2025 LIVE: भगवान शिव को प्रिय सावन महीने का पहला सोमवार आज 14 जुलाई 2025 को है। इस दिन भगवान भोलेनाथ का पूजन बेहद ही शुभ फलदायी माना जाता है। आइए जानते हैं कि इस दिन प्रभु का अभिषेक करने की विधि क्या है?

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Jul 14, 2025 17:44
Sawan Somwar 2025
credit- pexels

Sawan Somwar 2025 LIVE: बीती 11 जुलाई 2025 से सावन माह की शुरुआत हो चुकी है। यह पूरा महीना भगवान शिव को बेहद ही प्रिय है। इस महीने भोलेनाथ का पूजन करने से सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। आज 14 जुलाई को सावन का पहला सोमवार है। इस दिन देवों के देव महादेव का पूजन अवश्य करें। अगर आपके पास समय कम है तो कम से कम एक लोटा जल जरूर शिवलिंग पर अर्पित करें। आज पूरे दिन शुभ पूजन किया जा सकता है, लेकिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 11 से 4 बजकर 52 तक का समय पूजन के लिए विशेष रूप से शुभ है।

इस दिन अभिजीत मुहूर्त में भी पूजा की जा सकती है। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 59 से दोपहर 12 बजकर 55 तक रहेगा। इसके अलावा प्रदोष काल में भी आप भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती, भगवान गणेश और नंदी महाराज का पूजन करें। आप रात के समय भी प्रभु का अभिषेक कर सकते हैं।

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ऐसे करें अभिषेक 

आज के दिन पूजन की शुरुआत भगवान गणेश से करें। उनको दूर्वा, पीले फूल और मिठाई में लड्डू अर्पित करें। इसके साथ ही आप बप्पा को फल भी अर्पित कर सकते हैं। भगवान गणेश के बाद देवी पार्वती का पूजन करें। माता को लाल फूल अर्पित करें। फल और मिठाई का भी भोग देवी को लगाएं। इसके बाद नंदी बाबा का पूजन करें और सबसे अंत में भगवान शिव का पूजन शुरू करें।

प्रभु का जल से अभिषेक करें। इसके बाद उनका दूध से अभिषेक करें, दूध के बाद फिर जल डालें। इसके बाद उनका देसी घी से अभिषेक करें। यहां एक बात का ध्यान रखें। जब भी आप किसी भी सामग्री से अभिषेक करेंगे, उसके तुरंत बाद जल डालते रहें। घी के बाद शहद और फिर दही, शक्कर और पंचामृत से प्रभु का अभिषेक करें।

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सबसे अंत में शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करें। इसके बाद शिवलिंग को साफ कपड़े से पोछें। फिर प्रभु को फूलों की माला, वस्त्र और जनेऊ, इत्र अर्पित करें। इसके बाद भस्म से श्रृंगार करें। भस्म के बाद उनको चंदन लगाएं। चंदन के बाद धतूरा, भांग, शमी पत्र, मदार के फूल, फल, मिठाई और फिर अक्षत, काले तिल, जौ, गेहूं आदि अर्पित करें। सबसे अंत में 5, 7, 11, 21 की संख्या में बेलपत्र अर्पित करें। अगर व्रत हैं तो कथा पढ़ें या सुनें। इसके साथ ही शिव चालीसा और रुद्राष्टक का भी पाठ करें। अंत में दक्षिणा रखें और प्रभु की आरती करें। सबसे लास्ट में पूजा में जाने-अनजाने में हुईं गलतियों के लिए क्षमा याचना करें। पढ़ें अपडेट्स…..

 

First published on: Jul 14, 2025 07:40 AM

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