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Religion

Sawan Somwar 2025: आज सावन का पहला सोमवार, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त, मंत्र और शिवजी की आरती

Sawan 2025: आज 14 जुलाई को भगवान शिव को समर्पित सावन माह का पहला सोमवार है। आज के पावन दिन शिव परिवार की आराधना करने के साथ-साथ शिव मंत्र का जाप और आरती की जाती है। चलिए जानते हैं आज के दिन के शुभ मुहूर्त, शक्तिशाली शिव मंत्र और आरती के बारे में।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Jul 14, 2025 08:07
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सांकेतिक फोटो, Credit- News24 Graphics

Sawan Somwar 2025: सावन महीने का 11 जुलाई 2025 से आरंभ हो गया है, जो 9 अगस्त 2025 को सावन पूर्णिमा के दिन तक चलेगा। इस दौरान देवों के देव महादेव की पूजा-अर्चना की जाती है और उन्हें प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा जाता है। जो लोग पूरे सावन उपवास नहीं रख पाते हैं, वो श्रावण में आने वाले सोमवार के दिन व्रत जरूर रखते हैं। दरअसल, सावन में आने वाले प्रत्येक सोमवार का खास महत्व है। सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है और जब ये सावन के पवित्र माह में आता है तो उसका महत्व और बढ़ जाता है। द्रिक पंचांग के अनुसार, आज 14 जुलाई को सावन माह का पहला सोमवार है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन के पहले सोमवार व्रत रखने और शिव की आराधना करने से भक्तों को मानसिक शांति मिलती है और घर-परिवार में सुख, समृद्धि, वैभव का वास होता है। शिव जी की पूजा के दौरान कुछ विशेष मंत्रों का जाप भी किया जाता है, जिससे मन शुद्ध होता है। जबकि पूजा का समापन आरती के साथ होता है।

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शिव जी की पूजा के शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल में 04 बजकर 11 मिनट से लेकर 04 बजकर 52 मिनट तक
  • अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 59 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक
  • विजय मुहूर्त- दोपहर में 02 बजकर 45 मिनट से लेकर 03 बजकर 40 मिनट तक
  • गोधूलि मुहूर्त- शाम में 07 बजकर 20 मिनट से लेकर 07 बजकर 40 मिनट तक

शिव जी के मंत्रों का महत्व

धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन के पहले सोमवार शिव मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए। इससे मन शांत होता है और मानसिक शांति मिलती है। साथ ही स्वास्थ्य पर शुभ प्रभाव पड़ता है। इसके अलावा व्यक्ति को नकारात्मक और बुरी शक्तियों से मुक्ति मिलती है।

Shiv Mantra

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आरती का महत्व

भगवान शिव की पूजा आरती के बिना अधूरी होती है। लेकिन सबसे पहले शिव जी की आरती नहीं की जाती है। भगवान शिव की पूजा करने के बाद सबसे पहले गणेश जी की आरती करें। गणपति बप्पा की आरती करने के बाद मां गौरी की आरती करें और फिर अंत में शिव जी की आरती करके पूजा का समापन करना चाहिए। आरती को भगवान के प्रति कृतज्ञता और प्रेम प्रकट करने का साधन माना जाता है, जिससे मानसिक शांति मिलती है और आत्मा तृप्त होती है।

Aarti

Ganeshji Ki Aarti

Shivji Ki Aarti

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jul 14, 2025 07:00 AM

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