Shivling Puja in Sawan: त्रिदेवों में से एक और सृष्टि के संहार के देवता देवाधिदेव भगवान शिव के दिव्य प्रतीक शिवलिंग को भगवान शिव के निराकार, अजन्मा और अनंत शक्ति का प्रतीक माना गया है। इसलिए हिन्दू धर्म में इसका अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है, जिसकी पूजा मनुष्य ही नहीं बल्कि सप्तर्षि, देवता और देवी पार्वती भी करती हैं। सावन का महीना 22 जुलाई, 2024 से शुरू होने वाला है, आइए इस मौके पर जानते हैं कि शिवलिंग कितने तरह के होते हैं और सावन में किस शिवलिंग की पूजा से क्या फल मिलता है?
शिवलिंग के प्रकार और पूजा फल
शैल शिवलिंग: शैल का अर्थ है चट्टान या पत्थर। शैल शिवलिंग सबसे अधिक पूजित शिवलिंग है, जो भांति-भांति के चट्टानों से बने होते हैं। नर्मदा नदी से प्राप्त शिवलिंग श्रेष्ठ माने गए हैं। इस शिवलिंग के पूजन से व्यक्ति सभी दिव्य शक्तियों और पूर्णता को प्राप्त कर सकता है।
पार्थिव शिवलिंग: मिटटी से बने शिवलिंग को पार्थिव शिवलिंग कहते हैं। इस शिवलिंग को ॐ की तरह पवित्र और प्रभावशाली माना गया है। इस शिवलिंग की पूजा करने से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है।
पारद शिवलिंग: धार्मिक ग्रंथों में पारा को भगवान शिव का वीर्य बताया गया है। इस शिवलिंग को सबसे महान दिव्य शिवलिंग माना गया है। मान्यता है कि भगवान शिव के इस दिव्यरूप की पूजा से 8 प्रकार के धन और 8 तरह की दिव्य शक्तियां और ज्ञान प्राप्त होते हैं।
स्फटिक शिवलिंग: इस विशेष शिवलिंग की पूजा से व्यक्तित्व और वैभव दोनों में लाभ होता है। घर में धन-धान्य में बढ़ोतरी होती है।
लाल मूंगा से बने शिवलिंग: इसे पद्मराग शिवलिंग भी कहते हैं। इसकी पूजा से स्वास्थ्य और समृद्धि में वृद्धि होतीहै। मृत्यु का भय समाप्त होता है।
कश्मीर शिवलिंग: इस शिवलिंग की पूजा करने से ध्यान और गहन आनंद की प्राप्ति होती है।
पीला नीलम शिवलिंग: इसे पुष्यराग शिवलिंग भी कहते हैं। इस शिवलिंग की पूजा से गुरु और भगवान शिव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती।
इंद्रनील शिवलिंग: नीलम से बने इस शिवलिंग की पूजा से राजत्व और सुख की प्राप्ति होती है। कहते हैं, भगवान राम ने इस शिवलिंग की पूजा की थी।
गोमेद शिवलिंग: इसकी पूजा करने से नवग्रहों के प्रभाव से उत्पन्न होने वाले सभी ग्रह दोष दूर हो जाते हैं।
मोती शिवलिंग: इसकी पूजा से सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर होते हैं और धन-धान्य की प्राप्ति होती है।
चांदी का शिवलिंग: सुख और समृद्धि की प्राप्ति के लिए इसकी पूजा विशेष रूप से की जाती है। शिव आराधक इसे गले में भी धारण करते हैं।
स्वर्ण शिवलिंग: सोने बना यह शिवलिंग मुक्ति और शाश्वत ज्ञान प्रदान करता है। जीवन की भौतिक सुखों की पूर्ति होती है। कहते हैं, इस शिवलिंग को ब्रह्माजी धारण करते हैं।
हीरा से निर्मित शिवलिंग: इस शिवलिंग की पूजा करने से राजसत्ता और सभी प्रकार की विलासिता प्राप्त होती है। मान्यता है कि इस शिवलिंग को भगवान सूर्य भी धारण करते हैं।
पीतल या कांसे का शिवलिंग: जो इस शिवलिंग की पूजा से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, रोग-शोक से मुक्ति मिलती है।
लौह शिवलिंग: इस शिवलिंग की पूजा से विरोधियों का भय नहीं रहता है और शत्रुओं का नाश होता है।
अष्टधातु शिवलिंग: इस शिवलिंग की पूजा से आयु और स्वास्थ्य में वृद्धि होती है। कहते हैं, इस लिंग की पूजा से कुष्ठ रोग भी ठीक हो जाते हैं।
ताम्र शिवलिंग: इस शिवलिंग की पूजा से शारीरिक बल, तेज, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
रत्न शिवलिंग: इस शिवलिंग की पूजा से प्रचुर धन की प्राप्ति होती है। भिन्न-भिन्न रत्नों से बने इस शिवलिंग की आराधना से ज्योतिष उपाय भी किए जाते हैं।
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