Roti Making Rules: भारतीय रसोई में रोटी सिर्फ भोजन नहीं होती, यह घर के सुख, शांति और समृद्धि से जुड़ी मानी जाती है. परंपराओं और वास्तु शास्त्र में रोटी से संबंधित कई विशेष नियम बताए गए हैं. माना जाता है कि इन बातों का पालन करने से घर में बरकत बनी रहती है और परिवार में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है. आइए जानते हैं कि रोटी बनाते समय किन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना जरूरी है और इनका ध्यान न रखने से क्या होता है?
गिनकर न बनाएं रोटियां
बहुत से लोग रोज रोटी गिनकर बनाते हैं. वास्तु मान्यताओं के अनुसार ऐसा करना शुभ नहीं माना गया है. यह रसोई की ऊर्जा को सीमित कर देता है और धन संबंधी बाधाएं भी पैदा कर सकता है. हमेशा कोशिश करें कि अनुमान से थोड़ी ज्यादा रोटियां तैयार हों. इससे घर में सम्पन्नता की भावना बनी रहती है और भोजन का प्रवाह कभी रुकता नहीं.
पहली रोटी गऊ दान
हमारे यहां पहली रोटी को पवित्र माना गया है. इसे घर के सदस्यों को खाने के बजाय गाय, कुत्ते या किसी जरूरतमंद को देने की परंपरा है. इससे माना जाता है कि परिवार पर दैवीय कृपा बनी रहती है और घर में सौभाग्य का प्रवेश होता है. यह छोटी सी आदत दान की भावना को भी मजबूत बनाती है.
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अतिथि के लिए रोटी
पुरानी कहावत है- ‘अतिथि देवो भव.’ इसलिए रोटी बनाते समय दो रोटियां अतिरिक्त अवश्य रखें. यदि मेहमान न भी आए, तो उन्हें किसी पशु, पक्षी या जरूरतमंद को दे दें. यह सद्भावना घर के वातावरण को सकारात्मक बनाती है और भोजन की देवी माता अन्नपूर्णा की कृपा भी बनी रहती है.
न बनाएं बासी आटे से रोटियां
रोटी हमेशा ताजा आटे से ही बनानी चाहिए. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बासी आटे से बनी रोटी राहु ग्रह को सक्रिय कर देती है. राहु की सक्रियता से घर में तनाव, पारिवारिक कलह और अशुभ घटनाएं घटित होने का डर रहता है. धन संबंधी परेशानियां और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं. इसलिए हमेशा ताजा आटे का उपयोग करनी चाहिए. यह मंगल ग्रह की ऊर्जा को भी मजबूत बनाती है और जीवन में सकारात्मकता बनाए रखती है.
किचन की सफाई और शांत मन
रोटी बनाते समय मन शांत रखें. गुस्से या तनाव की अवस्था में बनाई गई रोटी घर के माहौल को भी प्रभावित कर सकती है. किचन यानी रसोई साफ-सुथरी और सुव्यवस्थित होनी चाहिए. इससे भोजन में सकारात्मक कम्पन जुड़ते हैं और परिवार का स्वास्थ्य भी बेहतर रहता है.
रोटी बनाना एक साधारण काम जरूर है, पर हिन्दू संस्कृति में यह घर की खुशहाली से गहराई से जुड़ा हुआ माना गया है. रोटी न गिनना, पहली रोटी का दान, अतिथि के लिए भोजन तैयार रखना और ताजा आटे का उपयोग, ये छोटी आदतें घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता ला सकती हैं.
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।










