RamanReti Ashram Holi 2025: होली सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि प्रेम और भक्ति का रंग है। लेकिन सोचिए, अगर आपको खुद भगवान के साथ होली खेलने का मौका मिले, तो यह अनुभव कैसा होगा? मातुल शर्मा की रिपोर्ट के अनुसार, मथुरा के रमणरेती आश्रम में यह सपना सच होता है। यहां फूलों, गुलाल और टेसू के रंगों से भक्त भगवान संग होली खेलते हैं। भजन-कीर्तन, ढोल-नगाड़े और श्रद्धा के रंग इस होली को अलौकिक बना देते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु कहते हैं ‘ऐसा लगता है जैसे भगवान खुद हमारे साथ होली खेल रहे हैं’ क्या आप भी इस अनोखी होली का हिस्सा बनना चाहेंगे?
भगवान संग होली का अनोखा रंग
मथुरा के महावन स्थित रमणरेती आश्रम में हर साल धूमधाम से होली मनाई जाती है। इस अनोखी होली में साधु-संत और भक्त भगवान के साथ मिलकर रंगों की मस्ती में डूब जाते हैं। यह होली सिर्फ रंगों का उत्सव नहीं बल्कि भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक अनुभव भी होती है।
फूलों की होली का अद्भुत नजारा
रमणरेती आश्रम में होली के दौरान सिर्फ अबीर-गुलाल ही नहीं, बल्कि फूलों से भी होली खेली जाती है। टेसू के फूलों से बने हर्बल रंगों का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कोई हानि नहीं होती। इस दिव्य माहौल में रंगों की बारिश होती है और हर कोई भक्ति में लीन हो जाता है।
गुरु शरणानंद आश्रम में खास शुरुआत
महावन स्थित गुरु शरणानंद आश्रम में होली की शुरुआत बहुत खास तरीके से होती है। यहां अबीर, गुलाल, फूलों और लड्डुओं के साथ भक्तों को भगवान की कृपा का अनुभव होता है। यह सिर्फ एक परंपरा नहीं बल्कि भक्तों के लिए एक पवित्र अवसर होता है जिसमें वे भगवान के और करीब महसूस करते हैं।
घंटों तक चलता है रंगों का उल्लास
रमणरेती आश्रम की होली खास इसलिए भी होती है क्योंकि यह सिर्फ कुछ देर के लिए नहीं, बल्कि घंटों तक चलती है। इस होली को देखने वाला कोई भी व्यक्ति खुद को इसमें शामिल होने से रोक नहीं पाता। लोग खुशी से झूमते हैं और भगवान के साथ होली खेलने का अद्भुत आनंद उठाते हैं।
विदेशी श्रद्धालुओं की भी होती है भागीदारी
रमणरेती आश्रम की होली केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध है। यहां दुनिया भर से श्रद्धालु आते हैं और इस आध्यात्मिक होली में शामिल होकर भक्ति और प्रेम के रंग में रंग जाते हैं। उनके लिए यह सिर्फ एक त्योहार नहीं बल्कि एक यादगार अनुभव बन जाता है।
भगवान के साथ साक्षात होली का अनुभव
रमणरेती आश्रम की होली का सबसे खास पहलू यह है कि यहां आने वाले भक्त ऐसा महसूस करते हैं जैसे भगवान स्वयं उनके साथ होली खेल रहे हों। यह अनुभव भक्तों के मन में भक्ति और प्रेम की भावना को और गहरा कर देता है, जिससे वे खुद को ईश्वर के और करीब पाते हैं।
संगीत और भजन से बढ़ती है रौनक
होली के इस पावन अवसर पर पूरे आश्रम में भजन-कीर्तन की गूंज सुनाई देती है। भक्त ढोल-नगाड़ों की धुन पर नाचते-गाते हैं और रंगों के साथ भक्ति का भी आनंद लेते हैं।
भक्ति और आनंद का संगम
रमणरेती आश्रम की होली केवल रंगों का उत्सव नहीं, बल्कि भक्ति और आनंद का संगम है। यहां आने वाले श्रद्धालु इस अनोखी होली को जीवनभर याद रखते हैं। यह होली उन्हें ईश्वर से जोड़ने के साथ-साथ प्रेम, सौहार्द और भक्ति का अनोखा अनुभव भी कराती है।