---विज्ञापन---

Mahakumbh 2025: नागा साधुओं को क्यों कहते हैं सनातन धर्म की रिजर्व फोर्स? मुगलों के भी छुड़ा दिए थे छक्के

Mahakumbh 2025 Naga Sadhu Weapon and Bravery Story: महाकुंभ 2025 में देश के 13 अखाड़ों के नागा साधु संगम में स्नान करने प्रयागराज आएंगे। नागा साधुओं के वैराग्य के किस्से तो आपने कई बार सुने होंगे। मगर क्या आप नागा साधुओं की वीरता की कहानी जानते हैं?

Edited By : Sakshi Pandey | Updated: Dec 11, 2024 12:59
Share :
Naga Sadhu Weapon Prayagraj Mahakumbh 2025

Mahakumbh 2025 Naga Sadhu: आज से ठीक एक महीने बाद उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आगाज होने वाला है। इस महापर्व का उत्साह पूरे देश में देखने को मिल रहा है। देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए यूपी के प्रयागराज का रुख करेंगे। मगर सभी की नजरें महाकुंभ के स्पेशल गेस्ट यानी नागा साधुओं पर होगी। देश के अलग-अलग कोनों से नागा साधु संगम में स्नान करने आएंगे।

नागा साधु क्यों रखते हैं शस्त्र?

नागा साधुओं को हम कैसे पहचानते हैं? शरीर पर भस्म, बड़ी-बड़ी जटाएं, जुबां पर शिव का नाम और आंखों में गुस्सा नागा साधुओं की पहचान होती है। वैसे तो नागा साधु वैरागी और अघोरी जीवन जीते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि नागा साधु अपने साथ हमेशा कोई न कोई अस्त्र धारण करते हैं। दुनिया की मोह-माया से संन्यास ले चुके नागा साधु आखिर अस्त्र-शस्त्र लेकर क्यों चलते हैं? यह सवाल अक्सर कई लोगों के मन में खटकता है। तो आइए जानते हैं आखिर इसकी क्या वजह है?

---विज्ञापन---

यह भी पढ़ें- Magh Mela 2023: माघ मेले की एक खास कड़ी हैं नागा साधु, क्या है महिला नागा साध्वियों की कहानी? जानें

नागा साधु या सैन्य रेजीमेंट?

नागा साधुओं को सनातन की रिजर्व फोर्स भी कहा जाता है। जी हां, नागा साधुओं का गुट एक तरह का सैन्य रेजीमेंट भी है, जो राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए हथियार उठाने से भी नहीं कतराते हैं। बेशक नागा साधु वैरागी हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर वो शस्त्र उठाना भी बखूबी जानते हैं। नागा साधुओं को शस्त्रों की भी शिक्षा दी जाती है। नागा साधुओं से जुड़े ऐसे ही दो किस्से काफी मशहूर हैं।

यह भी पढ़ें- महिलाएं कैसे बनती हैं नागा साधु? दिल पर पत्थर रखकर करना पड़ता है ये भयानक काम

महाराणा प्रताप का दिया साथ

नागा साधुओं ने मुगलों के खिलाफ कई बार हथियार उठाए हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि मुगल बादशाह अकबर के खिलाफ जंग का ऐलान कर चुके महाराणा प्रताप को भी नागा साधुओं का साथ मिला था। यह युद्ध राजस्थान के पंचमहुआ में मौजूद छापली तालाब और राणाकड़ा घाट के बीच लड़ा गया था। इस दौरान महाराणा प्रताप की सेना में शामिल नागा साधुओं ने मुगलियाई सेना के छक्के छुड़ा दिए थे। इस युद्ध में मारे गए नागा साधुओं की समाधियां आज भी इसी जगह पर मौजूद हैं।

यह भी पढ़ें- नागा साधु बनना कितना कठोर? कुंभ के बाद कहां-क्यों गायब? हर सवाल का जवाब चौंकाएगा

औरंगजेब के खिलाफ लड़ा युद्ध

नागा साधुओं ने दूसरी बार शस्त्र मुगल बादशाह औरंगजेब के खिलाफ उठाया था। दरअसल औरंगजेब ने वाराणसी स्थित काशी विश्वनाथ मंदिर पर हमला कर दिया था। ऐसे में मंदिर को बचाने के लिए महानिर्माणी दशनामी अखाड़े के नागा साधु सामने आए। उन्होंने मुगलों की सेना को जमकर धूल चटाई। तभी से नागा साधुओं की वीरता के किस्से पूरे देश में मशहूर हो गए।

यह भी पढ़ें- जूनागढ़ के निजाम ने टेके घुटने, अब्दाली को हटना पड़ा पीछे, जब जूना अखाड़े की जांबाजी ने कर दिया हैरान

HISTORY

Edited By

Sakshi Pandey

First published on: Dec 11, 2024 09:14 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें