हिंदू धर्म और भारतीय संस्कृति में पशु-पक्षियों से जुड़े कई शुभ और अशुभ संकेतों का उल्लेख शास्त्रों में मिलता है। कबूतर को शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। हालांकि जब बात घर में कबूतर की मृत्यु की आती है, तो यह सवाल उठता है कि क्या यह शुभ है या अशुभ?
दरअसल हिंदू धर्म में कबूतर को सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। शकुन शास्त्र के अनुसार कबूतर का घर में आना-जाना अक्सर शुभ माना जाता है, क्योंकि इसे मां लक्ष्मी की कृपा से जोड़ा जाता है। कबूतर को दाना खिलाने से कुंडली में गुरु (बृहस्पति) और बुध ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है, जो धन, समृद्धि, और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देता है। हालांकि, कबूतर से जुड़े कुछ संकेत अशुभ भी माने जाते हैं, विशेष रूप से जब बात उनकी मृत्यु की हो।
क्या कहता है शकुन शास्त्र?
शकुन शास्त्र में पक्षियों की गतिविधियों को भविष्य के संकेतों से जोड़ा जाता है। घर में किसी पक्षी, विशेष रूप से कबूतर की मृत्यु को अशुभ माना जाता है। यह माना जाता है कि यदि घर की छत, बालकनी या किसी अन्य हिस्से में कबूतर मृत पाया जाता है, तो यह परिवार के लिए संकट या दुर्भाग्य का संकेत हो सकता है। यह बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रभाव डाल सकता है या परिवार में किसी बीमारी की ओर इशारा कर सकता है।
शकुन शास्त्र के अनुसार, मृत कबूतर का मिलना नकारात्मक ऊर्जा का संकेत हो सकता है, जो घर के वातावरण को प्रभावित करता है। यह परिवार में आर्थिक तंगी, तनाव या अन्य समस्याओं का कारण बनता है।
वास्तु शास्त्र में कबूतर का आना है अशुभ
वास्तु शास्त्र में कबूतर की मृत्यु को घर में नकारात्मक ऊर्जा के प्रवेश के रूप में देखा जाता है। कबूतर का घर घोंसला बनाना भी वास्तु शास्त्र में अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह गंदगी और नकारात्मकता को बढ़ावा देता है। यदि कबूतर घर में मर जाता है तो यह और भी गंभीर संकेत माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार मृत कबूतर को तुरंत घर से हटाना चाहिए और घर को शुद्ध करने के लिए धार्मिक उपाय जैसे कि हवन या गंगाजल से शुद्धिकरण किए जाने चाहिए।
क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र?
ज्योतिष शास्त्र में कबूतर को राहु और बुध ग्रहों से जोड़ा जाता है। कुछ मान्यताओं के अनुसार, कबूतर की मृत्यु राहु ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को दर्शाती है, जो अस्थिरता, भय, या आकस्मिक समस्याओं का कारण बन सकता है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु या बुध कमजोर है, तो कबूतर की मृत्यु को एक चेतावनी के रूप में देखा जाता है। ऐसे में ज्योतिषी सलाह देते हैं कि कबूतरों को दाना खिलाने जैसे उपाय किए जाएं ताकि ग्रहों के दोष को कम किया जा सके।
टल जाता है संकट
शास्त्रों में कबूतर की मृत्यु को अधिकतर अशुभ माना गया है, लेकिन कुछ धार्मिक मान्यताएं इसे संकट को टालने का प्रतीक भी मानती हैं। कुछ विद्वान मानते हैं कि कबूतर की मृत्यु परिवार पर आने वाले किसी बड़े संकट को अपने ऊपर ले लेती है, जिससे परिवार की रक्षा होती है। हालांकि अधिकांश शास्त्रों और ज्योतिषियों का मत है कि कबूतर की मृत्यु को गंभीरता से लेना चाहिए। यह न केवल नकारात्मक ऊर्जा का संकेत हो सकता है, बल्कि यह परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति, या सामाजिक रिश्तों पर प्रभाव डाल सकता है।
कबूतर की मृत्यु के बाद क्या करें?
- यदि आपके घर में कबूतर की मृत्यु होती है, तो आप कुछ उपायों को कर सकते हैं।
- मृत कबूतर को तुरंत घर से हटा दें और उस स्थान को गंगाजल या नमक के पानी से साफ करें। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में मदद करता है।
- कबूतरों को नियमित रूप से दाना खिलाएं, क्योंकि यह मां लक्ष्मी की कृपा और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
- यदि आपकी कुंडली में राहु या बुध ग्रह कमजोर हैं, तो ज्योतिषी से सलाह लेकर उपाय करें। इसमें आप कबूतर को आजाद कर सकते हैं या कुछ दान कर सकते हैं।
- घर में हवन या पूजा करवाएं ताकि नकारात्मक ऊर्जा दूर हो और सकारात्मकता का संचार हो।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्रों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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