Neptune Planet Significance: नेपच्यून हमारे सौरमंडल का एक प्रमुख ग्रह भले ही है, लेकिन भारत की वैदिक ज्योतिष और सनातन संस्कृति में इनको कोई जगह नहीं दी गई है। जबकि वेस्टर्न एस्ट्रोलॉजी में ये नवग्रहों में शामिल हैं। जहां तक नेपच्यून के प्रभाव की बात है, तो इसका प्रभाव वैदिक ज्योतिष के केतु ग्रह से मिलता-जुलता है। इस ग्रह को वरुण ग्रह भी कहा जाता है। आधुनिक ज्योतिषी आजकल भविष्यवाणी के लिए नेपच्यून ग्रह की स्थिति भी कुंडली में देखने लगे हैं। आइए जानते हैं, इस ग्रह का ज्योतिष महत्व क्या है और इसके प्रभाव से जीवन पर क्या असर होता है?
नेपच्यून का ज्योतिष में महत्व
पाश्चात्य ज्योतिष (Western Astrology) में नेपच्यून यानी वरुण ग्रह को कल्पना, कलात्मक अभिव्यक्ति, भ्रम और रहस्यवाद से जुड़ा ग्रह माना गया है। इस ग्रह की गति अन्य ग्रहों की तुलना में काफी धीमी है। इस कारण से इसका प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर धीरे-धीरे लेकिन बहुत सूक्ष्म रूप से पड़ता है। यूरोप में इस ग्रह को संगीतकारों, कलाकारों, लेखकों और कवियों को प्रेरित करने वाला ग्रह माना गया है।
नेपच्यून का जीवन पर प्रभाव
पाश्चात्य ज्योतिषियों के मुताबिक, कुंडली में नेपच्यून की मजबूत स्थिति व्यक्ति में कल्पनाशीलता, रचनात्मकता और कलात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देता है। यह ग्रह रहस्यवाद और उच्च चेतना के साथ जुड़ा हुआ है, जो लोगों को अच्छा फिलॉसफर बनने में मदद करता है। जिस व्यक्ति की कुंडली में नेपच्यून कमजोर होता है, वे भ्रम के शिकार हो सकते हैं। वे वास्तविकता से पलायन कर झूठी कल्पनाओं में जीने लगते हैं। इस ग्रह के नेगेटिव प्रभाव से व्यक्ति को ड्रग्स और शराब की न छूटने वाली लत लग सकती है। इस ग्रह के बुरे असर से अवसाद, चिंता और मनोवैज्ञानिक विकार जैसी समस्याएं भी पैदा होती हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।