---विज्ञापन---

Durga Visarjan 2024: 12 या 13 अक्टूबर, कब है दुर्गा मूर्ति विसर्जन? जानें सही तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

Durga Visarjan 2024: नौ दिन के महा उत्सव का समापन दुर्गा विसर्जन के साथ होता है। हालांकि इस बार दुर्गा मूर्ति विसर्जन की तिथि और मुहूर्त को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है। चलिए जानते हैं 12 या 13 अक्टूबर, किस दिन और किस समय दुर्गा मूर्ति विसर्जन करना शुभ रहेगा।  

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Sep 26, 2024 12:58
Share :
Durga Visarjan 2024
दुर्गा मूर्ति विसर्जन कब है?

Durga Visarjan 2024: सनातन धर्म के लोगों के लिए नवरात्रि के 9 दिनों का खास महत्व है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही व्रत रखना भी शुभ होता है। 9 दिन तक मां दुर्गा की पूजा की जाती है। विसर्जन के दिन देवी की उपासना करने के बाद मूर्ति को प्रवाहित किया जाता है। नवरात्रि के व्रत का पारण विसर्जन के बाद ही होता है, जिस दिन देवी दुर्गा ने असुर महिषासुर का वध किया था।

पंचांग के अनुसार, हर साल दशमी तिथि के दिन प्रात:काल या अपराह्न काल में विजयादशमी तिथि शुरू होने के बाद दुर्गा विसर्जन किया जाता है। चलिए जानते हैं साल 2024 में दुर्गा मूर्ति विसर्जन किस दिन होगा और इस दिन विसर्जन का शुभ मुहूर्त क्या है?

---विज्ञापन---

दुर्गा मूर्ति विसर्जन कब है?

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार 12 अक्टूबर 2024 को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से दशमी तिथि का आरंभ हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 13 अक्टूबर 2024 को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर होगा। इसके अलावा श्रवण नक्षत्र 12 अक्टूबर 2024 को प्रात: काल 05 बजकर 25 मिनट से लेकर 13 अक्टूबर को सुबह 04 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। उदयातिथि के आधार पर 12 अक्टूबर 2024 को दुर्गा मूर्ति विसर्जन किया जाएगा। इस दिन दुर्गा विसर्जन का शुभ मुहूर्त दोपहर में 01 बजकर 17 मिनट से लेकर 03 बजकर 35 मिनट तक है।

ये भी पढ़ें- Ketu Gochar: 18 माह तक 3 राशियों पर मेहरबान रहेंगे केतु, धन-संपत्ति और करियर में होगी वृद्धि!

---विज्ञापन---

दुर्गा मूर्ति विसर्जन की सही विधि

  • दुर्गा मूर्ति विसर्जन के दिन प्रात: काल जल्दी उठें।
  • स्नान आदि कार्य करने के बाद शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  • माता दुर्गा की पूजा करें।
  • देवी को फूल, फल, अक्षत और सिंदूर आदि अर्पित करें।
  • मां दुर्गा के सामने घी का दीपक जलाएं। इस दौरान मंत्रों का उच्चारण करें।
  • देवी की आरती करें।
  • माता की मूर्ति को हाथों से उठाकर विसर्जन वाली जगह पर लेकर जाएं। इस दौरान माता के नाम के जयकारे लगाते रहें।
  • ढोल-नगाड़ों की थाप और जयकारों के बीच मां दुर्गा को मूर्ति को किसी तालाब या नदी में विसर्जित कर दें।

शारदीय नवरात्रि का सही कैलेंडर

  • 03 अक्टूबर- देवी शैलपुत्री
  • 04 अक्टूबर- देवी ब्रह्मचारिणी
  • 05 अक्टूबर- देवी चंद्रघंटा
  • 06 अक्टूबर- देवी कूष्माण्डा
  • 07 अक्टूबर- देवी स्कंदमाता
  • 08 अक्टूबर- देवी कात्यायनी
  • 09 अक्टूबर- देवी कालरात्रि
  • 10 अक्टूबर- देवी सिद्धिदात्री
  • 11 अक्टूबर- देवी महागौरी
  • 12 अक्टूबर- दुर्गा मूर्ति विसर्जन

ये भी पढ़ें- Papankusha Ekadashi Vrat Katha: ये पौराणिक कथा सुने बिना अधूरा है पापांकुशा एकादशी का व्रत, जानें महत्व

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

HISTORY

Written By

Nidhi Jain

First published on: Sep 26, 2024 12:58 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें