Nautapa 2025: नौतपा यानी सूर्य की 9 दिन की तेज गर्मी की अवधि को वैदिक ज्योतिष और हिन्दू धर्म की तांत्रिक परंपराओं में विशेष महत्व दिया गया है। इस दौरान सूर्य की किरणें पृथ्वी पर अत्यधिक प्रभाव डालती हैं और माना जाता है कि यह समय आध्यात्मिक उन्नति, शारीरिक शुद्धि और जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का होता है। मान्यता है कि नौतपा जैसे ऊर्जावान समय में कुछ विशेष प्रयोग करने से काफी लाभ होता और अच्छे फल मिलते हैं, खासकर जब सूर्य अपने चरम प्रभाव में होते हैं। इस बार नौतपा की शुरुआत 25 मई से होगी, जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और यह 2 जून को समाप्त होगी।
यहां कुछ ऐसे ही दुर्लभ और अत्यंत प्रभावशाली उपाय की चर्चा की गई है, जिसे नौतपा के दौरान किसी भी उपयुक्त दिन पर कर सकते हैं। आपको बता दें कि ये विशेष, दुर्लभ और शक्तिशाली ज्योतिषीय और तांत्रिक उपाय हैं, जो खासतौर पर भाग्योदय, रुकावटें दूर करने और आकस्मिक लाभ के लिए किए जाते हैं। कहते हैं, इन कार्यों को श्रद्धा और नियम से करने पर किस्मत चमक जाती है। आइए जानते हैं, क्या हैं ये उपाय?
धन वृद्धि के लिए गुड़-तांबा का उपाय
यह उपाय आर्थिक स्थिति सुधारने, रुका हुआ धन पाने, लेन-देन की अड़चनें दूर करने और व्यवसाय में अचानक लाभ पाने के लिए लिया किया जाता है। रविवार को सूर्योदय से पहले स्नान कर लें। तांबे की कटोरी में गुड़, लाल फूल और एक चुटकी घी डालें और सूर्य को इससे अर्घ्य दें। इसे सूर्य को अर्पित करते समय कहें: ‘हे भास्कर! मेरे जीवन में सौभाग्य की किरणें भर दें।’ फिर वह सामग्री किसी लाल वस्त्र में बांधकर तिजोरी या कैश बॉक्स में रखें।
सूर्य तांत्रिक उपाय
यह उपाय नौतपा की किसी भी मंगलवार या रविवार को प्रातःकाल में किया जा सकता है। इसके करने के लिए एक गोल शीशा (मिरर), सिंदूर, गुलाब जल और लाल फूल चाहिए। शीशे को गुलाब जल से धो लें। उस पर सिंदूर से सूर्य का बीज मंत्र लिखें: ‘ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः’। फिर उसे 21 बार मंत्र बोलकर पूजें और शाम को जल में प्रवाहित कर दें। इस उपाय से कई विशेष फल मिलते हैं, जैसे- नकारात्मक ऊर्जा, दुर्भाग्य, नजर दोष, ग्रह-बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
गायत्री मंत्र से जल अर्घ्य
नौतपा के 9 दिनों तक रोज सूर्योदय काल में सूर्यदेव को जल अर्पण करें। जल में थोड़ा सा मिश्री और तुलसी पत्र मिला लें और साथ में गायत्री मंत्र का 27 बार जाप करें। अर्पण के बाद 3 बार प्रार्थना करें: ‘हे आदित्य, मेरे अच्छे कर्मों को गति दो और मार्ग प्रशस्त करो।’ इस उपाय को श्रद्धापूर्वक करने से बहुत जल्द शुभ समाचार मिलता है और रुके काम बनने लगते हैं। इंटरव्यू, कोर्ट केस, लोन, नौकरी आदि में भी सफलता मिलती है।
सूर्य-लक्ष्मी समृद्धि प्रयोग
यह काम नौतपा की किसी भी रविवार को किया जा सकता है। इस उपाय के तहत आप एक पके आम को धोकर उसमें 1 कौड़ी और 1-2 चुटकी केसर भर दें। फिर इसे रविवार को सुबह 7 से 9 बजे के बीच लाल कपड़े में बांधकर 5 बताशों के साथ पीपल के पेड़ की जड़ में रखें। मन ही मन कहें: ‘हे सूर्यदेव, मेरी समृद्धि के मार्ग खोलें।’ मान्यता है कि इस उपाय से आकस्मिक लाभ, धन की वापसी और नए अवसर प्राप्त होते हैं।
छाया दोष निवारण
कुंडली से संबंधित छाया पद्धति दोष निवारण और सूर्य-शनि की शत्रुता या पितृदोष से राहत पाने के लिए नौतपा के किसी भी शनिवार यह उपाय कर सकते हैं। इसके लिए एक काले तवे पर जल, सरसों का तेल, थोड़े चावल और काला तिल डालें। तवे के इस तेल में उसमें अपना चेहरा देखें और वह सामग्री शनि मंदिर में चढ़ा दें। इसके बाद सूर्य को जल चढ़ाएं और ‘ॐ भास्कराय नमः’ का 21 बार जाप करें। मान्यता है कि इस उपाय से ग्रहों की शांति, पितृदोष और शनि संबंधी अड़चनों से मुक्ति मिलती है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।