Narak Chaturdashi 2025: दिवाली से पहले धनतेरस और छोटी दिवाली का पर्व मनाया जाता है. इस साल धनतेरस 18 अक्टूबर, छोटी दिवाली 19 अक्टूबर को है. छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी और काली चौदस भी कहते हैं. छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी कहते हैं इस बारे में कई लोग जानते हैं लेकिन ऐसा क्यों है इसके बारे में कम ही लोगों को पता होगा. चलिए जानते हैं कि, छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी क्यों कहते हैं.
छोटी दिवाली को क्यों कहते हैं नरक चतुर्दशी?
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, छोटी दिवाली पर यानी कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था. भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा के साथ मिलकर राक्षस राजा नरकासुर का वध किया था. नरकासुर बहुत ही क्रूर राजा था. नरकासुर से धरती लोक और स्वर्ग लोक पर सभी डरते थे. उसने कई देवताओं को पराजित कर उनका धन लूट लिया और 16,000 स्त्रियों को कैद कर लिया था.
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भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर से युद्ध किया और सुदर्शन चक्र से नरकासुर का वध किया. उन्होंने नरकासुर की कैद से 16,000 स्त्रियों को मुक्त कराया और उनकी सुरक्षा और सम्मान के लिए उनसे विवाह की इच्छा जताई. इसके बाद ब्रह्मांड में फिर से शांति स्थापित हो गई. छोटी दिवाली के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था इसलिए छोटी दिवाली को अंधकार पर प्रकाश और अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक मानते हैं और इसे नकर चतुर्दशी के नाम से भी जानते हैं.
छोटी दिवाली से जुड़ी अन्य मान्यता
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, छोटी दिवाली पर मृत्यु के देवता रावण की पूजा की जाती है. इस दिन यम का दीपक जलाया जाता है. ऐसा करने से अकाल मृत्यु और भय से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल में छोटी दिवाली पर काली मां की पूजा होती है.
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.