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Religion

Mahabharata: ये थीं महाभारत काल की 5 सबसे पावरफुल महिलाएं, जिन्होंने रच दिया इतिहास!

Mahabharata:महाभारत काल में कुछ ऐसी पावरफुल महिलाएं थीं। जिन्होंने धैर्य, बुद्धिमानी, निडरता और अपनी शक्ति से अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। उनका व्यक्तित्व आज भी लोगों को प्रेरणा देता है।

Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: Mar 8, 2025 01:02
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credit- freepik

Mahabharata:महाभारत काल में अनेकों योद्धा हुए और कई महात्मा हुए। वहीं, इस काल कई ऐसी महिलाएं भी थीं, जिन्होंने इतिहास रचने का काम किया। उनकी बुद्धि, धैर्य, साहस के सामने पुरुषों ने भी हार मानी है। महाभारत काल में कई ऐसी महिलाएं थीं, जो अपनी अद्भुत भूमिका के चलते इतिहास में अमर हो गईं।

महाभारत का युद्ध भूमि बंटवारे का सबसे बड़ा युद्ध था। इसमें जितना रोल पुरुषों ने निभाया, उतना ही महिलाओं ने भी निभाया था। आज हम आपको महाभारत काल की 5 सबसे पावरफुल महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्होंने इतिहास रच दिया था।

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महारानी सत्यवती

महारानी सत्यवती एक मछुवारे की पुत्री थीं। माता गंगा के जाने के बाद राजा शांतनु अकेले हो गए थे, उनके पुत्र देवव्रत थे। जब शांतनु ने सत्यवती को देखा तो वे उनके रूप पर मोहित हो गए। इसके चलते राजा शांतनु ने सत्यवती से विवाह का प्रस्ताव रख दिया। उस समय सत्यवती ने कहा कि मैं आपसे शादी तब ही करेंगे जब आप मेरी संतान ही हस्तिनापुर का सिंघासन संभालेगी। इसक चलते देवव्रत को शादी न करने की भीष्म प्रतिज्ञा लेनी पड़ी थी। विवाह से पहले सत्यवती और ऋषि पराशर की संतान वेद व्यास हुए थे। वहीं, शांतनु से उनको चित्रांगद और विचित्रवीर्य दो पुत्र हुए थे। शांतनु की मृत्यु के बाद चित्रांगद राजा बने, लेकिन गंधर्व युद्ध में उनकी मृत्यु हो गई। वहीं, विचित्रवीर्य का विवाह अम्बालिका और अम्बिका से हुआ, लेकिन उनको कोई भी संतान नहीं हुई और उनकी भी मृत्यु हो गई। इस पर ऋषि वेदव्यास ने अम्बिका और अम्बालिका को गर्भधारण कराया, जिससे धृतराष्ट्र और पांडु का जन्म हुआ। अगर सत्यवती अपनी शर्ते नहीं रखतीं तो महाभारत का इतिहास कुछ और ही होता और देवव्रत भी भीष्म प्रतिज्ञा लेकर कुंवारे नहीं रहते।

गंधारी

धृतराष्ट्र का विवाह गांधार नरेश की पुत्री गांधारी से हुआ था। कहा जाता है कि गांधारी से धृतराष्ट्र का विवाह भीष्म ने जबरदस्ती कराया था। धृतराष्ट्र के अंधे होने के कारण गांधारी ने अपना पूरा जीवन आंखों पर पट्टी बांधकर बिताया। गांधारी के नेत्रों ने दुर्योधन के शरीर को वज्र का बना दिया था। अगर गांधारी न होती तो उनका भाई शकुनि दुर्योधन को पांडवों के खिलाफ नहीं करता और महाभारत न होता। गांधारी की शादी धृतराष्ट्र से जबरदस्ती भीष्म न कराई थी, जिसका बदला शकुनि ने लिया क्योंकि धृतराष्ट्र अंधे थे और इस कारण शकुनि की बहन गांधारी का पूरी जिंदगी आंखों पर पट्टी बांधकर रहना पड़ा।

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कुंती

कुंती बेहद शक्तिशाली स्त्री थीं। अगर पांडु को श्राप नहीं मिलता तो कुंती या उनकी दूसरी पत्नी माद्री का पुत्र ही हस्तिनापुर का राजा बनता, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कुंती ने नियोग विधि से सूर्यदेव से कर्ण, धर्मराज से युधिष्ठिर, वायुदेव से भीम, इंद्र से अर्जुन को जन्म दिया था। कुंती ने ही माद्री को मंत्र दिया था, जिससे अश्विनी कुमारों का आह्वान कर नकुल और सहदेव दो पुत्र माद्री को हुए थे। पांडु और माद्री की मृत्यु के बाद कुंती ने पांचों पुत्रों को पाला और हस्तिनापुर का राजा बनाया।

द्रौपदी

कुंती के आदेश पर कुंती पांच पांडवों की पत्नी बनीं। जब पांडवों ने उनको दांव पर लगाया तो उन्होंने कौरवों के समूल नाश की कसम खाई थी। जो बाद में पूरी हुई और कौरवों का वंश नाश हो गया।

सुभद्रा

भगवान श्रीकृष्ण की बहन और अर्जुन की पत्नी सुभद्रा काफी पावरफुल थीं। चक्रव्यूह भेदने वाला अभिमन्यु सुभद्रा का ही पुत्र था। अभिमन्यु ने सुभद्रा के गर्भ में ही चक्रव्यूह को भेदना सीख लिया था।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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First published on: Mar 08, 2025 01:02 AM

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