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Mohini Ekadashi 2025: कब है मोहिनी एकादशी 2025, क्या है इस दिन की पूजा विधि और उपाय?

Mohini Ekadashi 2025: मोहिनी एकादशी हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को समर्पित पर्व है। वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। साल 2025 में मोहिनी एकादशी 8 मई को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार की पूजा की जाती है। भगवान विष्णु ने समुद्र मंथन के दौरान अमृत को असुरों से बचाने के लिए इस रूप को रखा था। मोहिनी एकादशी का व्रत न केवल पापों से मुक्ति दिलाता है, बल्कि सुख, समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति कराता है।

Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: May 5, 2025 12:12
Mohini ekadashi 2025

Mohini Ekadashi 2025: वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी व्रत को रखा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान जब अमृत कलश प्राप्त हुआ, तो देवताओं और असुरों के बीच इसको लेकर विवाद शुरू हो गया। इसको देखते हुए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया। मोहिनी का रूप इतना सुंदर था कि सारे असुर को उसके मोहित हो गए थे। इसके बाद भगवान विष्णु के मोहिनी रूप में ही देवताओं को अमृत पान कराया था। यह घटना वैशाख शुक्ल एकादशी को हुई, इसलिए इस दिन को मोहिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है।

मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से हजार गायों के दान, यज्ञ या तीर्थ यात्रा के समान पुण्य प्राप्त होता है। यह व्रत पापों को नष्ट करता है, जीवन में सुख-शांति लाता है और मोक्ष के मार्ग को खोलता है।

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मोहिनी एकादशी की तिथि और पूजा मुहूर्त

2025 में मोहिनी एकादशी 8 मई को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि 7 मई 2025 को सुबह 10:19 बजे शुरू होगी और 8 मई 2025 को दोपहर 12:29 बजे समाप्त होगी। उदया तिथि के आधार पर व्रत और पूजा 8 मई को होगी। पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5:35 बजे से 7:16 बजे तक रहेगा। व्रत का पारण (व्रत तोड़ना) 9 मई को सुबह 5:34 बजे से 8:16 बजे के बीच होगा।

मोहिनी एकादशी की पूजाविधि

मोहिनी एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त (4:10 बजे से 4:53 बजे) में उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें, पीले या सफेद रंग के कपड़े इस दिन शुभ माने जाते हैं। घर के मंदिर या पूजा स्थान को साफ करें, गंगाजल छिड़कें। भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र को लकड़ी की चौकी पर पीले कपड़े पर स्थापित करें।

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आप मोहिनी रूप में विष्णु जी की तस्वीर भी रख सकते हैं। घी का दीपक जलाएं और विष्णु जी को पीले फूल, तुलसी पत्र, चंदन और रोली अर्पित करें। सात्विक भोजन जैसे खीर, फल या मिठाई का भोग लगाएं। इसके साथ ही ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ या ‘ॐ विष्णवे नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। इसके अलावा विष्णु सहस्रनाम और मोहिनी एकादशी व्रत कथा का पाठ करें। पूजा के अंत में विष्णु जी और लक्ष्मी जी की आरती करें, और ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और अनाज दान करें। व्रत के दौरान चावल, दाल और तामसिक भोजन से बचें।

करें ये उपाय

  • विष्णु जी का पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से अभिषेक करें और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • पीले वस्त्र में हल्दी, चने की दाल और गुड़ बांधकर किसी मंदिर में दान करें। ‘ॐ बृं बृहस्पतये नमः’ मंत्र का 21 बार जाप करें।
  • माता लक्ष्मी को कमल का फूल अर्पित करें और ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः’ मंत्र का 21 बार जाप करें।
  • गाय को हरा चारा खिलाएं और पक्षियों को पानी पिलाएं।
  • विष्णु मंदिर में तुलसी माला अर्पित करें और जरूरतमंदों को भोजन दान करें।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्रों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Mohit Tiwari

First published on: May 05, 2025 12:12 PM

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