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Religion

Mitti ka Diya: दिवाली में यूज्ड मिट्टी के दीयों का क्या करें, पूजा में फिर से इस्तेमाल सही है या गलत

Mitti ka Diya: मिट्टी का दीया केवल एक दीप नहीं, बल्कि श्रद्धा और प्रकृति का संगम है. लेकिन दिवाली जैसे त्योहारों में इतनी मात्रा में मिट्टी के दीये इकट्ठे हो जाते हैं कि उन्हें रखना और संभालना मुश्किल हो जाता है. आइए जानते हैं, क्या हम इन दीयों को फिर से पूजा में इस्तेमाल कर सकते हैं या नहीं?

Author Written By: Shyamnandan Updated: Nov 12, 2025 14:31
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Mitti ka Diya: दिवाली की रात जब हर घर मिट्टी के दीयों की रोशनी से जगमगाता है, तो वातावरण में एक दिव्य शांति और पवित्रता फैल जाती है. लेकिन त्योहार के बाद अक्सर एक सवाल मन में उठता है, क्या पूजा में जलाए गए इन मिट्टी के दीयों का क्या करें? क्योंकि, दिवाली जैसे त्योहारों में इतनी मात्रा में मिट्टी के दीये इकट्ठे हो जाते हैं कि उन्हें रखना और संभालना मुश्किल हो जाता है. आइए जानते हैं, क्या इनका पूजा में दोबारा इस्तेमाल किया जा सकता है? अगर नहीं, तो फिर इनका क्या करें? जानिए इसके धार्मिक, पर्यावरणीय और व्यवहारिक पहलू.

मिट्टी का दीया क्यों है खास?

हिंदू धर्म में मिट्टी के दीये को शुद्धता और सात्त्विकता का प्रतीक माना गया है. यह धरती के पांच तत्वों में से एक ‘पृथ्वी तत्व’ से बना होता है, इसलिए इसे देवी-देवताओं के पूजन में अत्यंत शुभ माना गया है. दीये का प्रकाश अंधकार को दूर करता है और ज्ञान, समृद्धि व शुभ ऊर्जा का प्रतीक है.

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क्या मिट्टी का दीया दोबारा इस्तेमाल सही है?

शास्त्रों के अनुसार, पूजा में इस्तेमाल हुआ मिट्टी का दीया दोबारा उपयोग में नहीं लाना चाहिए. मान्यता है कि जब हम दीया जलाते हैं, तो वह वातावरण की नकारात्मक ऊर्जा को सोख लेता है. इसलिए उसे पुनः पूजा में जलाना अशुभ माना जाता है. इसके विपरीत, धातु के दीये को शुद्ध कर दोबारा उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि वह ऊर्जा को स्थायी रूप से नहीं सोखता है.

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पुराने दीयों का क्या करें?

त्योहार के बाद इस्तेमाल किए गए दीयों को कूड़े में फेंकना गलत तरीका है. यह न तो धार्मिक रूप से उचित है और न ही पर्यावरण के अनुकूल. इसलिए ये काम करें:

  • मिट्टी में दबाएं: इस्तेमाल हुए दीयों को साफ करके किसी पौधे या पेड़ के पास मिट्टी में दबा दें. इससे मिट्टी की उर्वरता भी बढ़ेगी.
  • रिसायकल करें: चाहें तो इन दीयों को रचनात्मक रूप से सजाकर होम डेकोर आइटम के रूप में दोबारा उपयोग कर सकते हैं.
  • पीपल के पेड़ के नीचे रखें: यह स्थान पवित्र माना जाता है. पुराने दीयों को यहां रखकर आप शास्त्रों का सम्मान भी करते हैं और प्रकृति का भी.

जल में विसर्जन से बचें

कई लोग पुराने दीयों को नदी या तालाब में बहा देते हैं. लेकिन अब यह पर्यावरण के लिए हानिकारक माना जाता है. तेल और कालिख जल स्रोतों को प्रदूषित करते हैं. इसलिए बेहतर है कि उन्हें प्राकृतिक तरीके से मिट्टी में मिलाया जाए.

क्यों शुभ होता है नया दीया?

नया मिट्टी का दीया लक्ष्मी और नई शुरुआत का प्रतीक है. यह घर में नई सकारात्मक ऊर्जा लाता है. हर बार नया दीया जलाना इस बात का संकेत है कि हम जीवन में अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ रहे हैं.

आस्था का सम्मान करें

दिवाली, देव-दीपावली, यज्ञ और पूजा-पाठ सिर्फ परंपरा नहीं, बल्कि प्रकृति और आध्यात्मिकता के संतुलन का उत्सव हैं. इसलिए पुराने दीयों का सही तरीके से निपटान करें और हर नई पूजा में नया दीया जलाएं. इससे न केवल आपकी श्रद्धा पूर्ण होगी, बल्कि पर्यावरण भी सुरक्षित रहेगा.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Nov 12, 2025 02:29 PM

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