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Religion

हनुमान जी नहीं इस देवता का होता है मंगलवार का व्रत, जानें क्या कहते हैं शास्त्र?

Mangalwar Vrat: मंगलवार का दिन मंगलदेव को समर्पित होता है। इस कारण दिन रखा जाने वाला व्रत भी मंगल ग्रह को ही समर्पित होता है। हालांकि कुछ लोग इसे हनुमान जी का व्रत समझकर रखते हैं, लेकिन शास्त्रों के अनुसार यह व्रत मंगल ग्रह को समर्पित होता है न कि हनुमान जी को। यही कारण है कि ज्योतिष के जानकार भी मंगल के अशुभ प्रभाव को कम करने लिए मंगलवार का व्रत रखने की सलाह देते हैं। ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले सभी मंगलवारों को बड़ा मंगल माना जाता है, इस कारण लोग इसी माह से मंगलवार का व्रत आरंभ करते हैं।

Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: May 12, 2025 18:37
Hanuman ji-mangal dev

Mangalwar Vrat: अधिकतर लोग भगवान हनुमान को प्रसन्न करने के लिए मंगलवार का व्रत रखते हैं, लेकिन शास्त्रों की मानें तो मंगलवार का व्रत मंगलदेव को समर्पित होता है। इस कारण ज्योतिषीय भी मंगल दोष व इसके अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए मंगलवार का व्रत रखने की सलाह देते हैं। अधिकतर लोग इस व्रत को ज्येष्ठ माह के पहले मंगलवार से शुरू करते हैं।

ऐसे इस कारण है क्योंकि इस माह के मंगलवारों को बड़े मंगल माना जाता है। लोककथाओं में मान्यता है कि इसी माह के मंगलवार में भगवान राम से हनुमान जी का मिलन हुआ था। इस कारण ज्येष्ठ माह के सारे मंगलवारों को बड़ा मंगल माना जाता है।

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साल 2025 में ज्येष्ठ माह की शुरुआत 13 मई से हो रही है। 13 मई को मंगलवार का ही दिन है। इस कारण साल 2025 का पहला बड़ा मंगल 13 मई को है। स्कंद पुराण के अनुसार भगवान हनुमान का जन्म मंगलवार को हुआ था, इस कारण मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित माना जाता है। हालांकि किसी भी शास्त्र या ग्रंथ में हनुमान जी के व्रत का वर्णन नहीं है। अधिकतर ग्रंथों ने मंगलवार के व्रत को मंगल ग्रह के दुष्प्रभावों को कम करने के उपाय में बताया है।

क्या कहते हैं शास्त्र?

ज्योतिष में साहस, शक्ति और जंग के प्रतीक हैं। इसके साथ ही इनको ग्रहों का सेनापति भी माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के ग्रंथ बृहस्पति संहिता के अनुसार मंगलवार मंगल ग्रह का दिन है। इस दिन व्रत, पूजा करने और लाल कपड़ा, तांबा या मसूर दाल का दान करने से मंगल के अशुभ प्रभाव कम होते हैं। स्कंद पुराण में भी मंगलदेव की पूजा का जिक्र है। इसमें बताया गया है कि मंगलवार को लाल चंदन, लाल फूल और गुड़ चढ़ाकर पूजा करने से साहस और जीत मिलती है।

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नारद पुराण में मंगल ग्रह की शांति के लिए मंगलवार को उपवास और मंगल यंत्र की पूजा करने की बात कही गई है, ताकि क्रोध, झगड़े और हादसों से बचा जा सके। ये सारे शास्त्र साफ बताते हैं कि मंगलवार का व्रत मंगलदेव के लिए है और इसका ज्योतिष में बहुत महत्व है।

हनुमान जी के व्रत का नहीं है जिक्र

भगवान हनुमान श्रीराम के सबसे बड़े भक्त और संकटमोचन हैं। उनकी महिमा रामचरितमानस, रामायण और हनुमान चालीसा में मिलती है, लेकिन इनमें कहीं भी मंगलवार व्रत को हनुमान जी के लिए बताया नहीं गया है। स्कंद पुराण में हनुमान जी का जन्म मंगलवार को होने का जिक्र है, जिसकी वजह से लोग इस दिन उनकी पूजा करते हैं।

हालांकि इस पुराण में भी व्रत का कोई साफ उल्लेख नहीं है। शिव पुराण या विष्णु पुराण जैसे ग्रंथों में भी हनुमान जी की महिमा तो है, पर मंगलवार व्रत का जिक्र नहीं है। यानी शास्त्रों में हनुमान जी के लिए मंगलवार व्रत का कोई सबूत नहीं है।

लोक मान्यताओं से प्रचलित हुआ व्रत

शास्त्रों में प्रमाण न होने के बावजूद, बहुत से लोग मंगलवार का व्रत हनुमान जी के लिए रखते हैं। इसके पीछे कुछ खास कारण हैं। ज्योतिष में मंगल ग्रह को शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है, और हनुमान जी भी इन्हीं गुणों के लिए जाने जाते हैं। इस कारण भक्त मंगलवार को उनकी पूजा करते हैं।

मंगलवार को हनुमान चालीसा और सुंदरकांड पढ़ने की परंपरा भी बहुत पुरानी है। भक्त इस दिन हनुमान जी को सिंदूर, चमेली का तेल और लाल फूल चढ़ाते हैं। कुछ लोक कथाओं में भी मंगलवार व्रत को हनुमान जी से जोड़ा जाता है, जैसे एक कथा में निसंतान दंपत्ति को हनुमान जी की कृपा से बच्चा मिला था। ये सारी बातें शास्त्रों से ज्यादा भक्ति और लोक परंपराओं पर टिकी हैं।

मंगलवार के व्रत से होते हैं ये लाभ

मंगलदेव के लिए मंगलवार का व्रत ज्योतिष में कई फायदे देता है। मंगल ग्रह कुंडली में साहस, जोश और तरक्की का कारक है, लेकिन इसका बुरा प्रभाव झगड़े, गुस्सा और परेशानियां ला सकता है। इस कारण मंगलवार का व्रत रखने से कई फायदे मिलते हैं।

  • मंगल दोष का असर कम होता है।
  • साहस और आत्मविश्वास बढ़ता है।
  • झगड़ों और हादसों से बचाव होता है।
  • नौकरी और सेहत में सुधार आता है।
  • मन शांत होता है और आध्यात्मिक ताकत मिलती है।

ऐसे करें व्रत

मंगलदेव के लिए मंगलवार का व्रत बहुत आसान और पवित्र है। सुबह सूरज उगने से पहले उठकर स्नान कर लें। फिर मंगलदेव या मंगल यंत्र की पूजा करें। पूजा में लाल फूल, लाल चंदन और गुड़ चढ़ाएं। इसके बाद ‘ॐ अं अंगारकाय नमः’ मंत्र का 108 बार जाप करें। दिन में एक बार सात्विक खाना खाएं, जिसमें नमक न हो। शाम को मंदिर में दीप जलाएं और मसूर दाल या तांबे की चीज दान करें। यह व्रत 21 या 45 मंगलवार तक रख सकते हैं। आखिर में विधिवत उद्यापन करें, ताकि व्रत का पूरा फल मिल सके।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष और धार्मिक शास्त्रों की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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First published on: May 12, 2025 06:18 PM

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