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इसे कहते है सच्ची भक्ति! नेपाल से उल्टी पदयात्रा कर महाकुंभ जा रहा दंपत्ति

Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले में स्नान करने के लिए देश-विदेश से लोग आ रहे हैं। इसी के तहत नेपाल से एक दंपत्ति उल्टी पदयात्रा करके महाकुंभ जा रहा है, जिनका वीडियो इस समय सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Feb 11, 2025 10:24
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Mahakumbh 2025 
नेपाल से महाकुंभ की अनोखी यात्रा

Mahakumbh 2025: सनातन धर्म के लोगों के लिए महाकुंभ का खास महत्व है। इस साल महाकुंभ का आयोजन उत्तर प्रदेश के संगम नगरी प्रयागराज में हुआ है। महाकुंभ में संगम स्नान करने के लिए लोग दूर-दूर से प्रयागराज पहुंच रहे हैं। जहां कुछ लोग अपने वाहन से महाकुंभ जा रहे हैं, तो कुछ भक्त पैदल पदयात्रा करके भी संगम नगरी पहुंच रहे हैं। इस समय सोशल मीडिया पर एक दंपत्ति का वीडियो वायरल हो रहा है, जो उल्टे मुंह चलकर प्रयागराज तक की यात्रा कर रहे हैं।

नेपाल के बांके जिले से शुरू की पदयात्रा

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नेपाल के बांके जिले से पती-पत्नी ने करीब 500 किमी की पदयात्रा शुरू की है। कोहलपुर नगरपालिका वार्ड नंबर 7, लखनपुर के निवासी रूपन दास, जो कि 54 साल के हैं, वो अपनी पत्नी पतिरानी के साथ महाकुंभ में स्नान के लिए एक विशेष तरीके से यात्रा कर रहे हैं। सबसे पहले उन्होंने अपने गांव के हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की, जिसके बाद उन्होंने उल्टे मुंह पैदल चलकर प्रयागराज की यात्रा करने का संकल्प लिया। यात्रा के बीच दंपत्ति ने अयोध्या में रामलला के दर्शन भी किए। पदयात्रा के 13वें दिन दंपत्ति पयागीपुर तक पहुंचे हैं।

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मदद के लिए आगे आए लोग

डॉ. कुंवर दिनकर प्रताप सिंह को जब दंपत्ति की पदयात्रा के बारे में पता चला, तो उन्होंने अपने साथी अंशू श्रीवास्तव और अरुण कुमार मिश्रा के साथ मिलकर श्रद्धालुओं की मदद करने की योजना बनाई। उन्होंने दंपत्ति को प्रतापगंज बाजार से पहले रोका और उनसे भोजन करने का आग्रह किया। हालांकि दंपत्ति ने भोजन करने के लिए मना कर दिया। डॉ. कुंवर दिनकर प्रताप सिंह के बार-बार आग्रह करने पर दंपत्ति ने केवल गन्ने का रस और गुड़ का सेवन किया।

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जन कल्याण के लिए शुरू की पदयात्रा

रूपन दास का कहना है कि वो ये पदयात्रा जन कल्याण और सनातन धर्म के प्रचार के लिए कर रहे हैं। ये एक अनूठी यात्रा है, जो न केवल श्रद्धा का प्रतीक है बल्कि उनकी आध्यात्मिक चेतना को भी दर्शाती है।

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Edited By

Nidhi Jain

First published on: Feb 11, 2025 10:24 AM

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