Mahakumbh 2025: प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ 2025, दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन, सिर्फ आस्था का उत्सव नहीं है, बल्कि आत्मिक उत्थान का एक सुनहरा अवसर भी है। मौनी अमावस्या पर मौके पर यहां दूसरा अमृत स्नान या शाही स्नान आयोजित होगा, जो इस बार 29 जनवरी को पड़ रहा है। मान्यता है कि यहां होने वाले भव्य अनुष्ठानों और दिव्य वातावरण के साथ, आप कुछ ऐसे पवित्र स्मृतिचिह्न अपने घर ले जा सकते हैं, जो आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा, समृद्धि और ईश्वरीय कृपा लाते हैं। यदि आप मौनी अमावस्या के मौके पर द्वितीय अमृत स्नान के लिए महाकुंभ 2025 में जा रहे हैं, तो यहां बताई इन इन 5 खास चीजों को अपने घर लाना न भूलें।
1. प्रयागराज की त्रिवेणी की पवित्र मिट्टी
प्रयागराज की भूमि, जहां गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदियां मिलती हैं, अति पवित्र मानी जाती है। इस भूमि की थोड़ी सी मिट्टी को घर लाना सदियों पुरानी परंपरा है। इसे लाल कपड़े में लपेटकर अपने घर के मंदिर में रखें या तुलसी के पौधे की जड़ में डालें। माना जाता है कि यह मिट्टी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है और घर में शांति और शुभता का संचार करती है।
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2. रुद्राक्ष और तुलसी माला
रुद्राक्ष और तुलसी की माला हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखती है। रुद्राक्ष, जिसे भगवान शिव के आंसू माना जाता है, यह शिव जी का पवित्रता का आशीर्वाद है, जो नकारात्मकता को समाप्त कर मन को शांति देता है। तुलसी की माला, जिसे ईश्वरीय पौधा माना जाता है, न सिर्फ आध्यात्मिक बल्कि औषधीय गुणों से भी भरपूर होती है। महाकुंभ से रुद्राक्ष या तुलसी की माला लाना, जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक बन सकता है।
3 तुलसी के पत्ते
त्रिवेणी संगम के पवित्र जल में स्नान करने के बाद हनुमान मंदिर में जाकर तुलसी के कुछ पत्ते लें। इन्हें लाल कपड़े में लपेटकर अपनी तिजोरी या घर के किसी सुरक्षित स्थान पर रखें। यह छोटे से पत्ते, शुभता का स्पर्श और दिव्यता के प्रतीक हैं और घर में सुख-समृद्धि लाने का आशीर्वाद माने जाते हैं।
4. शंख और अन्य धार्मिक वस्तुएं
महाकुंभ के मेले में धार्मिक वस्तुओं के अनगिनत विकल्प मिलते हैं। शंख, जो विश्वास की गूंज, शुद्धता और शुभता का प्रतीक है, को अपने पूजा स्थान में रखना शुभ माना जाता है। इसके अलावा, धार्मिक पुस्तकें, माला और अन्य पवित्र वस्तुएं भी खरीदें। ये चीज़ें न केवल आपकी आस्था को सुदृढ़ करेंगी, बल्कि आपको महाकुंभ की यादों से भी जोड़े रखेंगी।
5. त्रिवेणी संगम का पवित्र जल
त्रिवेणी संगम का जल समृद्धि का अमृत है, जिसे हिंदू धर्म में सबसे पवित्र माना गया है, सदियों से घर लेकर आना एक प्रमुख परंपरा है। इस जल को घर के हर कोने में छिड़कने से नकारात्मकता दूर होती है और समृद्धि, स्वास्थ्य और खुशी का आगमन होता है। कहते हैं, यह पवित्र जल घर को ईश्वरीय आशीर्वाद और ऊर्जा से भर देता है।
इन 5 पवित्र वस्तुओं का महत्व जितना भौतिक है, उससे कहीं अधिक आध्यात्मिक है। महाकुंभ केवल स्मृतिचिह्न इकट्ठा करने का अवसर नहीं है, बल्कि आत्मचिंतन, विनम्रता और सहिष्णुता को अपनाने का समय है। महाकुंभ से लौटने के बाद, ये पवित्र स्मृतिचिह्न न केवल आपके घर में सकारात्मकता का संचार करेंगे, बल्कि आपके मन और आत्मा को भी शुद्धता और शांति प्रदान करेंगे।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।