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Religion

लखनऊ के इस मंदिर में लगती है भूत-प्रेतों की क्लास, पड़ती है जबरदस्त मार

Balaji Temple Lucknow: लखनऊ के राजाजीपुरम के तालकटोरा में स्थित बालाजी मंदिर एक ऐसा आध्यात्मिक स्थल है, जो भक्तों के लिए आस्था और चमत्कार का केंद्र है। यह मंदिर न केवल लखनऊ बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में अपनी अनूठी विशेषताओं और चमत्कारी शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर में भगवान हनुमान के बालाजी रूप की पूजा होती है, और इसे मेहंदीपुर बालाजी मंदिर की तर्ज पर स्थापित किया गया है। यहां बालाजी स्वयंभू हैं। यहां दर्शन करने मात्र से नकारात्मक शक्तियों से छुटकारा मिल जाता है।

Author Edited By : Mohit Tiwari Updated: May 29, 2025 14:50
balaji temple lucknow

Balaji Temple Lucknow: लखनऊ के तालकटोरा, राजाजीपुरम में स्थित इस बालाजी मंदिर का इतिहास लगभग 100 वर्ष पुराना बताया जाता है। यह मंदिर स्वयंभू बालाजी को समर्पित है, क्योंकि यहां भगवान हनुमान की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी। यह मूर्ति किसी कारीगर द्वारा नहीं बनाई गई, बल्कि यह प्राकृतिक रूप से प्रकट हुई मानी जाती है, जो इसे और भी खास बनाता है। इसके साथ ही यहां पर आने से व्यक्ति के पास से नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं।

ऐसी मान्यता है कि एक संत को स्वप्न में भगवान हनुमान ने दर्शन दिए थे और इस स्थान पर मंदिर बनाने का आदेश दिया था। इसके बाद से यह मंदिर भक्तों के लिए आस्था का केंद्र बन गया है। मंदिर के वर्तमान महंत के अनुसार, उनके पूर्वज पिछले कई दशकों से इस मंदिर की सेवा कर रहे हैं। मंदिर का प्रबंधन और देखरेख महंत और उनके परिवार द्वारा की जाती है, जो भक्तों की सेवा और पूजा-अर्चना में समर्पित हैं।

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चोले में चढ़ती है सोने और चांदी की परत

इस मंदिर में बालाजी महाराज की एक बड़ी और एक छोटी प्रतिमा है। इसमें बड़ी प्रतिमा पर चांदी की और छोटी प्रतिमा पर सोने की परत चढ़ी हुई है। मंगलवार और शनिवार को भी दोनों प्रतिमाओं पर सोने और चांदी की परत चोले के रूप में चढ़ाई जाती है।

मंदिर में हैं प्रेतराज सरकार और भैरव महाराज

मंदिर में बालाजी महाराज के अलावा प्रेत महाराज, भगवान शिव, सीता-राम, मां भगवती और बटुक भैरव की मूर्तियां भी स्थापित हैं। यह मंदिर मेहंदीपुर बालाजी की तर्ज पर बनाया गया है, इसलिए यहां भी नकारात्मक शक्तियों और बुरी आत्माओं से मुक्ति पाने के लिए विशेष पूजा-अनुष्ठान किए जाते हैं।

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मंदिर का परिसर साधारण लेकिन आध्यात्मिक रूप से जीवंत है। मंदिर के पट सुबह 6 बजे खुलते हैं और रात 9:30 बजे बंद होते हैं। सुबह और शाम 7:30 बजे होने वाली आरती भक्तों के लिए विशेष रहती है। मंदिर के पास ही प्रसाद की दुकानें हैं, जहां भक्त आसानी से प्रसाद प्राप्त कर सकते हैं। मंगलवार और शनिवार को मंदिर में भक्तों की विशेष भीड़ होती है, क्योंकि ये दिन भगवान हनुमान को समर्पित माने जाते हैं। इन दिनों मंदिर में कदम रखने की जगह भी मुश्किल हो जाती है।

नकारात्मक शक्तियों की लगती है क्लास

इस मंदिर से जुड़ी कई धार्मिक मान्यताएं हैं। सबसे प्रसिद्ध मान्यता यह है कि यहां आने वाले भक्त अपने शरीर पर से नारियल उतारकर बालाजी महाराज के चरणों में अर्पित करते हैं। ऐसा करने से बुरी आत्माओं, जादू-टोने या किसी भी नकारात्मक प्रभाव से मुक्ति मिलती है। इसके अलावा, एक अनोखी परंपरा यह है कि भक्त अपने शरीर पर से 10 रुपये का नोट उतारकर मंदिर के दान पेटी में डालते हैं। माना जाता है कि इससे जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। माना जाता है कि बालाजी महाराज के सामने नकारात्मक शक्तियों की पेशी होती है और उनको दंड मिलता है। दुष्ट शक्तियों को यहां पर मार भी पड़ती है, जिससे वे उस मनुष्य के शरीर को छोड़ने पर विवश हो जाती हैं।

कई भक्तों का कहना है कि इस मंदिर में दर्शन करने से उनके जीवन की कई समस्याएं हल हुई हैं। चाहे वह मानसिक तनाव हो, पारिवारिक कलह हो या फिर कोई अज्ञात भय, बालाजी महाराज की कृपा से सब कुछ ठीक हो जाता है। मंदिर में की जाने वाली विशेष पूजा और कीर्तन बुरी शक्तियों को दूर करने में प्रभावी माने जाते हैं। भक्तों का यह भी विश्वास है कि यहां की आरती में शामिल होने से मन को शांति मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

हर समुदाय के लोग आते हैं यहां

यह मंदिर केवल धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक भी है। यहां हर वर्ग और समुदाय के लोग दर्शन के लिए आते हैं। लखनऊ शहर में तालकटोरा, राजाजीपुरम में स्थित यह मंदिर आसानी से पहुंचा जा सकता है। शहर के किसी भी हिस्से से ऑटो, टैक्सी या निजी वाहन के माध्यम से मंदिर तक पहुंचा जा सकता है। मंदिर का स्थान शहर के मध्य में होने के कारण इसे ढूंढना आसान है। भक्तों को सलाह दी जाती है कि वे मंगलवार और शनिवार को जल्दी पहुंचें, क्योंकि इन दिनों भीड़ ज्यादा होती है।

मंदिर में प्रवेश करने से पहले कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है। भक्तों को शुद्ध और सात्विक भोजन करने की सलाह दी जाती है। मांस, मछली, अंडा, लहसुन और प्याज का सेवन करने से बचना चाहिए। मंदिर में साफ-सुथरे कपड़े पहनकर जाना चाहिए, और पूजा के दौरान शांति और श्रद्धा बनाए रखनी चाहिए।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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First published on: May 28, 2025 05:12 PM

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