---विज्ञापन---

Religion

Lohri 2025: 12 या 13 जनवरी कब है लोहड़ी? जानें सही तिथि, संक्रांति का क्षण और पूजा विधि

Lohri 2025: हर साल लोहड़ी का पर्व शरद ऋतु के अंत में मनाया जाता है। हालांकि इस बार त्योहार की सही तिथि को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है। चलिए जानते हैं साल 2025 में 12 जनवरी या 13 जनवरी, कब लोहड़ी का पर्व मनाया जाएगा।

Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Jan 3, 2025 11:32
Lohri 2025
लोहड़ी 2025

Lohri 2025: लोहड़ी भारत के एक महत्वपूर्ण और लोकप्रिय त्योहारों में से एक है, जो मुख्य रूप से हरियाणा और पंजाब में मनाया जाता है। ये पर्व फसल के पकने और तैयार होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिस दिन अग्नि देव की पूजा का विधान है। इस शुभ दिन साधक भगवान का आभार प्रकट करते हैं ताकि उनकी फसल का उत्पादन अच्छा हो। धार्मिक मान्यता के अनुसार, अग्नि देव की पूजा करने से घर-परिवार में सुख, शांति, समृद्धि, धन और वैभव आदि का वास होता है।

लोहड़ी के दिन रात्रि में एक स्थान पर आग जलाई जाती है, जिसमें तिल, गुड़, लकड़ी, चीनी, गजक, मूंगफली और मक्का आदि चीजें डाली जाती हैं। इस दौरान लोग लोहड़ी के गीत गाते हैं और डांस करके जश्न मनाते हैं। चलिए जानते हैं साल 2025 में किस दिन लोहड़ी का पर्व मनाया जाएगा। साथ ही आपको लोहड़ी संक्रांति के क्षण और पूजा विधि के बारे में जानने को मिलेगा।

---विज्ञापन---

2025 में लोहड़ी कब है?

वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, मकर संक्रांति से एक दिन पहले लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है। साल 2025 में 14 जनवरी को सुबह 9 बजकर 3 मिनट पर सूर्य देव मकर राशि में गोचर करेंगे, जिसके कारण 14 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाएगा। उदयातिथि के आधार पर मकर संक्रांति से एक दिन पहले 13 जनवरी 2025 को लोहड़ी मनाई जाएगी। 14 जनवरी 2025 को सुबह 09:03 मिनट पर लोहड़ी संक्रांति का क्षण है।

ये भी पढ़ें- Kaalchakra: आमदनी के मामले में कैसा रहेगा 12 राशियों के लिए साल 2025? जानें पंडित सुरेश पांडेय से

---विज्ञापन---

लोहड़ी की पूजा विधि

  • पर्व के दिन स्नान आदि कार्य करने के बाद घर में मौजूद मंदिर में पश्चिम दिशा में मां आदिशक्ति की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • मां आदिशक्ति के साथ भगवान कृष्ण और अग्नि देव की पूजा करें।
  • मां की प्रतिमा के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
  • देवी को सिंदूर, रेवड़ी और तिल के लड्डू अर्पित करें।
  • अब एक सूखा नारियल लें। उसमें कपूर डालकर अग्नि जलाएं।
  • नारियल में मक्का, मूंगफली और तिल के लड्डू आदि अर्पित करें।
  • शाम के समय लोहड़ी की 7 या 11 बार परिक्रमा करें। इस दौरान अग्नि में मक्का, मूंगफली, रेवड़ी, पॉपकॉर्न और तिल के लड्डू आदि अर्पित करें।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jan 03, 2025 11:32 AM

संबंधित खबरें