हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है। यह पर्व हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस बार अक्षय तृतीया 30 अप्रैल 2025, मंगलवार को मनाई जाएगी, और यह दिन कई शुभ योगों और अद्भुत संयोगों के कारण बेहद खास बन गया है।
इस साल क्यों है खास अक्षय तृतीया?
इस वर्ष अक्षय तृतीया पर अक्षय योग का निर्माण हो रहा है, जो इससे पहले 26 अप्रैल 2001 को बना था। अब पूरे 24 साल बाद यह शुभ योग फिर बन रहा है, जिससे इस दिन की महत्ता और भी बढ़ गई है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अक्षय योग में किए गए कार्यों का फल अक्षय यानी कभी खत्म न होने वाला होता है।
इसके अलावा, इस दिन गजकेसरी योग, लक्ष्मी नारायण योग, शोभन योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग भी बन रहे हैं। इन सभी शुभ योगों का एक साथ बनना अत्यंत दुर्लभ और शुभ माना जाता है। यह योग व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि, धन-धान्य और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते हैं।
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पौराणिक महत्व और मान्यताएं
अक्षय तृतीया को युगादि तिथि भी कहा जाता है क्योंकि इस दिन से त्रेतायुग की शुरुआत हुई थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान परशुराम का जन्म हुआ था। यही नहीं, श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को अक्षय पात्र प्रदान किया था, जिससे कभी अन्न समाप्त नहीं होता। श्रीकृष्ण और सुदामा का मिलन भी इसी तिथि को हुआ था।
इस दिन मां गंगा का अवतरण, समुद्र मंथन से सोने का प्रकट होना, और श्रीहरि द्वारा स्वर्ण धारण करना जैसे घटनाएं भी जुड़ी हुई हैं। इन सभी घटनाओं से यह दिन धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से बेहद पवित्र माना जाता है।
सोना-चांदी खरीदने का शुभ मुहूर्त
अक्षय तृतीया पर धातु, खासकर सोना और चांदी खरीदना बहुत शुभ माना जाता है क्योंकि यह समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक होता है। इस बार 30 अप्रैल को सुबह 5:41 बजे से दोपहर 2:12 बजे तक सोना-चांदी की खरीदारी के लिए सबसे उत्तम समय है। इस मुहूर्त में खरीदी गई वस्तुएं जीवन में स्थायी शुभता लाती हैं।
अक्षय तृतीया पर और क्या खरीदें?
इस दिन केवल सोना-चांदी ही नहीं, बल्कि कुछ और वस्तुएं भी खरीदना शुभ माना जाता है. इन वस्तुओं की खरीद से न केवल आध्यात्मिक उन्नति होती है, बल्कि घर में सकारात्मकता और शांति भी आती है। ये हैं:
- धार्मिक ग्रंथ (वेद, पुराण, गीता, रामायण आदि)
- तांबे या पीतल के बर्तन
- धातु की मूर्तियां (विशेषकर लक्ष्मी-नारायण की)
- सात्विक वस्तुएं और पूजा सामग्री
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।