Kaalchakra Today 22 August 2025: ज्योतिष शास्त्र में 9 ग्रहों का वर्णन किया गया है। प्रत्येक ग्रह का अपना महत्व है, जिनका कहीं न कहीं मानव जीवन के हर पहलू पर प्रभाव पड़ता है। यहां तक कि ग्रहों का संबंध व्यक्ति के खाने व स्वाद से भी होता है। व्यक्ति के खाने के स्वाद से ये पता चल सकता है कि उसकी कुंडली में कौन-सा ग्रह किस स्थिति में विराजमान है। दरअसल, प्रत्येक ग्रह का संबंध किसी न किसी डिश से होता है। यदि व्यक्ति ग्रहों की महादशा, अंतर्दशा या गोचर के दौरान कुछ विशेष चीजों का सेवन करता है तो उसे ज्यादा परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है।
आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि 9 ग्रहों में से किस ग्रह को किस चीज का स्रोत माना जाता है। साथ ही ये भी पता चलेगा कि ग्रहों के अशुभ प्रभाव के दौरान किन-किन चीजों का सेवन करना चाहिए।
सूर्य ग्रह
सूर्य ग्रह को पाचन शक्ति और आंतरिक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। वहीं, अथर्ववेद में सूर्य को अन्न का राक्षक कहा गया है। जब कुंडली में सूर्य मजबूत स्थिति में विराजमान होता है, तब व्यक्ति में अग्नि यानी पाचन क्षमता बढ़ती है। सूर्य की महादशा, अंतर्दशा या गोचर के अशुभ प्रभाव के दौरान व्यक्ति जल्दबाजी में या तेज खाना खाता है। मूड अच्छा नहीं रहता है, जिस कारण व्यक्ति क्रोध या तनाव में मिर्च व मसालेदार भोजन करता है।
वहीं, जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, वो कभी भी समय पर भोजन नहीं करते हैं। हालांकि सूर्य की दशा में दिन का भोजन 2 बजे से पहले ही कर लेना चाहिए।
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चंद्र ग्रह
चंद्र ग्रह भावना, मन, स्वाद, जल और पोषण का प्रतिनिधित्व करता है। कुंडली में चंद्र ग्रह की जैसी स्थिति होती है, वैसा ही व्यक्ति का मन और स्वाद रहता है। चंद्रमा को शीतल, मधुर और स्निग्ध भोजन (जिसमें चिकनाई या वसा का गुण होता है) प्रिय होता है।
जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा शुभ होता है, उन्हें सात्विक भोजन करना पसंद होता है। इस दौरान व्यक्ति ज्यादा भोजन करता है या उसे भूख कम लगती है। वहीं, चंद्रमा की दशा में व्यक्ति को मीठा और ठंडी चीजें खाने का मन करता है। इस अवधि के दौरान व्यक्ति असमय भोजन करता है, जिस कारण उसका वजन बढ़ता है। इसके अलावा मूड स्विंग्स के कारण भोजन में अनियमितता बनी रहती है। हालांकि इस दौरान व्यक्ति को सफेद रंग की चीजों को ज्यादा खाना चाहिए। इससे उन पर चंद्रमा का अशुभ प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसी के साथ दूसरों को भोजन कराने से भी चंद्रमा को बल मिलेगा।
ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि जब चंद्रमा, राहु या केतु के साथ एक ही घर में विराजमान होता है तो व्यक्ति तामसिक भोजन करना पसंद करता है। वहीं, चंद्रमा शनि के साथ हो तो व्यक्ति चिंता में ज्यादा खाता है या बहुत ही कम खाता है। इसके अलावा चंद्रमा की दशा में सफेद चीज खाना ज्यादा अच्छा रहता है।
यदि आप अन्य 7 ग्रहों और स्वाद के बीच के कनेक्शन के बारे में जानना चाहते हैं तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।