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Religion

Kaalchakra: चैत्र-वैशाख से लेकर फाल्गुन तक, पंडित सुरेश पांडेय से जानें 12 महीनों के महत्व और नियम

Kaalchakra Today: हिन्दू कैलेंडर में 12 महीनों का उल्लेख किया है, जिनकी तिथि सूर्य ग्रह और चंद्र ग्रह की स्थिति के अनुसार तय होती है. चलिए प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं 12 हिंदू महीनों के महत्व और उनसे जुड़े नियमों के बारे में.

Author Written By: Nidhi Jain Updated: Dec 29, 2025 11:16
Kaalchakra Today 29 December 2025
Credit- Social Media

Kaalchakra Today 29 December 2025: सनातन धर्म के लोगों के लिए हिन्दू कैलेंडर का खास महत्व है, जो कि ग्रेगोरियन कैलेंडर से बहुत अलग है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, अश्विन, कार्तिक, अगहन, पौष, माघ और फाल्गुन के महीने होते हैं, जिनकी तिथि सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति के अनुसार तय होती है. इसके अलावा इन महीनों का संबंध किसी न किसी ग्रह और देवी-देवता से भी है.

आज 29 दिसंबर 2025 के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको हिन्दू कैलेंडर के 12 महीनों के महत्व और उनसे जुड़े नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं.

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चैत्र मास

चित्रा नक्षत्र से चैत्र महीने का संबंध है, जिस दौरान भगवान सूर्य और मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. साथ ही पेड़-पौधों में जल और लाल कपड़ों के दान से लाभ होता है. माना जाता है कि इस महीने में शुभ और मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. खासकर, गृह प्रवेश करने से बचना चाहिए.

बता दें कि चैत्र मास में रोहिणी और अश्विनी नक्षत्र के साथ सप्तमी और अष्टमी तिथि पड़ती है तो उसे शुभ नहीं माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, चैत्र मास में गुड़, नीम और मिश्री का सेवन भी नहीं करना चाहिए.

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वैशाख मास

सूर्य देव वैशाख मास में मेष राशि यानी अपनी उच्च राशि में विराजमान रहते हैं. इस महीने की त्रयोदशी, चतुर्दशी और पूर्णिमा तिथि बहुत पवित्र होती हैं. वैशाख मास में पूजा करने से बीमारियां दूर होती हैं और हर तरह के संकट से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा सूर्य से पहले उठना फायदेमंद होता है. वैशाख मास में प्यासे लोगों और पशु-पक्षियों को पानी पिलाना, घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगाना और मिट्टी का घड़ा, सत्तू व खिचड़ी का दान करना शुभ होता है.

ये भी पढ़ें- Kaalchakra: अजीब लेकिन अहम संकेत मिलते हैं सांसों की गति से, पंडित सुरेश पांडेय से जानें कैसे?

ज्येष्ठ मास

ज्येष्ठ मास का स्वामी ग्रह मंगल है. इस मास में उत्तराषाढ़ा और पुष्य शून्य नक्षत्र हैं, जिनमें कार्य करने से धन का नाश होता है. इस महीने में पानी की बर्बादी से बचना चाहिए और दिन में सोने व शरीर की तेल मालिश से बचना चाहिए. ज्येष्ठ मास में परिवार के बड़े बेटे या बेटी का विवाह भी नहीं करना चाहिए, बल्कि हर दिन घर में पूजा-पाठ करनी चाहिए. धार्मिक मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ मास में छाता, अनाज और जल का दान करना शुभ होता है.

यदि आप अन्य 9 महीनों के महत्व और नियमों के बारे में जानना चाहते हैं तो उसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें.

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Dec 29, 2025 11:13 AM

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