साल में दो बार गुप्त नवरात्रि, एक बार चैत्र नवरात्रि और एक ही बार शारदीय नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। चैत्र नवरात्रि का पर्व 9 दिनों तक चलता है, जिस दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस बार चैत्र नवरात्रि का आरंभ कल यानी 30 मार्च 2025 से हो रहा है, जिसका समापन 6 अप्रैल 2025 को रामनवमी के दिन होगा। इस साल दूसरे और तीसरे नवरात्रि की पूजा 31 मार्च 2025 को की जाएगी। इस साल मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं। मां दुर्गा का हाथी पर सवार होकर आना शुभ माना जाता है। हाथी को शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
नवरात्रि के पहले घर में मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना की जाती है, जिसकी लगातार 9 दिनों तक पूजा होती है। आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि चैत्र नवरात्रि से पहले मां दुर्गा की किस तरह की मूर्ति घर में स्थापित करनी चाहिए। साथ ही आपको पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में भी पता चलेगा।
मां दुर्गा की पूजा के शुभ मुहूर्त
- घट स्थापना- कल प्रात: काल 6:13 से लेकर सुबह 10:22 तक
- अभिजीत मुहूर्त- कल दोपहर 12:01 से लेकर 12:50 तक
- चर लग्न- कल प्रात: काल 7:46 से लेकर सुबह 9:20 तक
- लाभ लग्न- कल सुबह में 9:20 से लेकर 10:53 तक
- अमृत लग्न- कल दोपहर 1:59 से दोपहर 3:32 तक
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मां दुर्गा की मूर्ति कैसी होनी चाहिए?
- मां की घर में स्थापित की जाने वाली मूर्ति के 8 हाथ होने चाहिए।
- आठों हाथों में मां के आयुधों (हथियार या शस्त्र) होने चाहिए।
- दुर्गा मूर्ति का मुखमंडल सौम्य और शांत होना चाहिए।
- मां दुर्गा की प्रतिमा का मुख उग्र रूप लिए नहीं होना चाहिए।
- मां दुर्गा के मस्तक पर चंद्रमा का चिन्ह होना चाहिए।
- देवी के सिंह का मुख बंद होना चाहिए।
- घर में पहले से मां दुर्गा की मूर्ति है, तो नई मूर्ति न खरीदें।
- अंगूठे के आकार से बड़ी मां दुर्गा की मूर्ति नहीं होनी चाहिए।
- मां दुर्गा की खंडित या टूटी हुई मूर्ति की पूजा नहीं करनी चाहिए।
मूर्ति स्थापित करने के नियम
मां दुर्गा की मूर्ति को अपने घर में स्थापित करने से पहले गाय का उपला या कोयला लेकर गैस पर जलाएं। फिर इस धुंए से अपने घर और पूजा घर को शुद्ध करें। तांबे के लोटे में गंगाजल डालें और फिर मुख्य द्वार पर उसका छिड़काव करें। इसके बाद ही घर में मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना करें।
किस दिशा में स्थापित करें मूर्ति-कलश और चौकी?
- चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना पूर्व दिशा में करनी चाहिए।
- कलश या जौ को उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करनी चाहिए।
- दुर्गा पूजा के समय साधक का मुख पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए।
- मां दुर्गा की मूर्ति की स्थापना लकड़ी की चौकी पर ही करनी चाहिए। चंदन या आम की लकड़ी की चौकी होना अति शुभ माना जाता है।
- माता की चौकी ऐसे स्थापित करें कि पूजा करते समय आपका मुख उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में हो।
- मां दुर्गा की मूर्ति का मुख पश्चिम दिशा की तरफ रखें, जिससे पूजा करने वाले व्यक्ति का मुख पूर्व दिशा में हो।
- मूर्ति के दायीं और श्री महाकाली, बायीं ओर मां सरस्वती के प्रतीक स्वरूप की स्थापना करें।
- अखंड ज्योति को पूजा चौकी के दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है। इससे घर में सुख और समृद्धि आती है।
- नवरात्रि में रोज हवन करते हैं, तो हवन कुंड दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें।
- चौकी पर कलश को उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है।
चैत्र नवरात्रि की पूजा से जुड़े अन्य नियमों के बारे में यदि आप जानना चाहते हैं, तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देख सकते हैं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।