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Jyeshtha Purnima 2024: आज करें इन 3 पवित्र वृक्षों की पूजा, बन जाएंगे सारे बिगड़े काम

Jyeshtha Purnima Vrat 2024: आज ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत है, जो भगवान विष्णु और उनके लक्ष्मीनारायण और सत्यनारायण स्वरुप को समर्पित है। मान्यता है कि आज 3 पवित्र वृक्षों की पूजा करने से सारे पाप कट जाते हैं, मनोकामनाएं पूरी होती हैं और बिगड़े काम बन जाते हैं।

Edited By : Shyam Nandan | Jun 21, 2024 07:10
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Jyeshtha Purnima Vrat 2024: हिन्दू पंचांग के अनुसार, साल 2024 की ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत बृहस्पतिवार 21 जून यानी आज है। यह व्रत भगवान विष्णु और उनके लक्ष्मीनारायण और सत्यनारायण स्वरुप को समर्पित है। मान्यता है कि उचित विधि-विधान और पूरी श्रद्धा व निष्ठा से ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत करने से रुके और अटके हुए काम पूरे होते हैं। घर में बरकत होती है। व्यक्ति की सामाजिक यश में बढ़ोतरी होती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा की रात को चांद अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है, जिसे हिन्दू धर्म में काफी शुभ माना गया है।

ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत की तिथि

पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 21 जून को रखा जाएगा। इसकी तिथि 21 तारीख शुक्रवार को सूर्योदय के बाद 07 बजकर 31 मिनट से शुरू होगी और यह 22 तारीख शनिवार को 06 बजकर 37 मिनट खत्म होगी। मान्यता है कि इस व्रत के दिन 3 पवित्र पौधों और वृक्षों की पूजा करने से अभीष्ट फल की प्राप्ति होती है। साधक-साधिका की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। आइए जानते हैं, ये 3 वृक्ष पौधे और वृक्ष कौन-कौन से हैं?

तुलसी पौधे का पूजन

तुलसी को भगवान विष्णु की अर्धांगिनी माना गया है। उनकी कोई भी पूजा तुलसी जी के बिना संपन्न नहीं होती है। ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत के दिन तुलसी पूजन का विशेष महत्व है। इस दिन पूरे विधि-विधान से उनकी पूजा करने से धन, वैभव और समृद्धि प्राप्त होती है। तुलसी जी को गंगाजल या स्वच्छ पानी पानी से स्नान कराने पापों से मुक्ति मिलती है। इस दिन तुलसी को वस्त्र अर्पित कर दीप प्रज्वलित करें। इसके बाद नैवेद्य अर्पित कर उनकी आरती करें। फिर प्रदक्षिणा कर उनका आशीर्वाद लें। इससे अटके हुए काम शुरू हो जाएंगे।

वट वृक्ष पूजन

पूर्णिमा, विशेष रूप से ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन वट वृक्ष यानी बरगद पेड़ की पूजा अत्यंत शुभ मानी गयी है। इसलिए भारत के अनेक क्षेत्रों में इस पूर्णिमा के दिन वट सावित्री पूर्णिमा व्रत मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन वट वृक्ष का पूजन करने से धन-धान्य की वृद्धि होती है। रोगों का नाश होता है। पतिव्रता स्त्रियों के सौभाग्य में वृद्धि होती है। पति-पत्नी के बीच प्रेम और स्नेह बढ़ता है। ज्येष्ठ पूर्णिमा को बरगद वृक्ष की पूजा कर उनकी प्रदक्षिणा करते हुए कलावा बांधने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सारे बिगड़े काम बन जाते हैं।

पीपल वृक्ष का पूजन

हिन्दू धर्म में पीपल को अत्यंत पूजनीय है। इसमें यह ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास माना गया है। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन पीपल वृक्ष की पूजा अत्यंत फलदायी बताई गई है। पीपल वृक्ष को पाप नाशक माना जाता है। इसकी पूजा से मन शुद्ध होता है। साथ ही, इसकी पूजा से ग्रह शांत होते हैं और कुंडली दोष दूर होते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस वृक्ष की पूजा से स्वास्थ्य लाभ होता है और अंततः मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jun 21, 2024 07:10 AM

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