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Purnima 2025: ज्येष्ठ माह में वट पूर्णिमा व्रत कब? जानें विष्णु-लक्ष्मी की पूजा का शुभ मुहूर्त और सही विधि

Vat Purnima Vrat 2025: ज्येष्ठ माह की आखिरी तारीख को वट पूर्णिमा का व्रत रखा जाता है, जिसे ज्येष्ठ पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। चलिए जानते हैं इस वर्ष किस दिन वट पूर्णिमा का व्रत रखा जाएगा। साथ ही आपको देवी-देवताओं की पूजा के शुभ मुहूर्त और सही विधि के बारे में जानने को मिलेगा।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Nidhi Jain Updated: May 31, 2025 15:11
Vat Purnima Vrat 2025
वट पूर्णिमा व्रत 2025

Vat Purnima Vrat 2025: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, हर महीने की आखिरी तारीख को पूर्णिमा मनाई जाती है। इस समय ज्येष्ठ का महीना चल रहा है, जो हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से तीसरा माह है। ज्येष्ठ माह की आखिरी तारीख को ज्येष्ठ पूर्णिमा मनाई जाएगी। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा ‘ज्येष्ठा’ नक्षत्र में भ्रमण करते हैं। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के साथ चंद्र देव की पूजा की जाती है। देश के कई हिस्सों में ज्येष्ठ पूर्णिमा को वट पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर वट पूर्णिमा का व्रत सुहागिन महिलाएं रखती हैं।
वट पूर्णिमा के दिन व्रत रखने के साथ-साथ वट वृक्ष की पूजा, पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, किसी पवित्र नदी में स्नान और दान करना अत्यन्त शुभ रहता है। इससे साधक को मनचाहा वर मिलता है और जीवन में आ रही परेशानियां कम होने लगती हैं। चलिए जानते हैं वट पूर्णिमा की सही तिथि, पूजा के शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में।

वट पूर्णिमा व्रत 2025 में कब है?

वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि 10 जून को सुबह 11 बजकर 35 मिनट से लेकर 11 जून 2025 को दोपहर 01 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के आधार पर इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा यानी वट पूर्णिमा 11 जून 2025, वार बुधवार को मनाई जाएगी। लेकिन ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 10 जून 2025 को रखना शुभ रहेगा।

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वट पूर्णिमा व्रत की पूजा के मुहूर्त

  • सूर्योदय- सुबह 05:23
  • चन्द्रोदय- शाम 07:41
  • ब्रह्म मुहूर्त- सुबह में 04:02 से लेकर 04:42 मिनट तक
  • अभिजित मुहूर्त- नहीं है
  • गोधूलि मुहूर्त- शाम में 07:18 से लेकर 07:38 मिनट तक
  • राहुकाल- दोपहर में 12:21 से लेकर 02:05 मिनट तक

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वट पूर्णिमा व्रत की पूजा विधि

  • ब्रह्म मुहूर्त में उठें। स्नान आदि कार्य करने के बाद शुद्ध कपड़े धारण करें और सोलह श्रृंगार करें।
  • वट वृक्ष की पूजा करें।
  • वट की जड़ में पूजा की सामग्री अर्पित करें।
  • देवी सावित्री और सत्यवान की एक साथ पूजा करें।
  • विष्णु-लक्ष्मी की पूजा करें।
  • वृक्ष की परिक्रमा करते हुए उस पर कच्चा सूत बांधें।
  • वट पूर्णिमा व्रत की कथा सुने या पढ़ें।
  • मीठा खाकर व्रत खोलें।

वट पूर्णिमा व्रत की पूजा सामग्री

  • सत्यवान और सावित्री की प्रतिमा
  • सात तरह के अनाज
  • कच्चा सूत
  • हल्दी
  • कुमकुम
  • चावल
  • पान के पत्ते
  • फल (आम, खरबूजा या तरबूज)
  • मिठाई
  • दीपक
  • घी
  • अगरबत्ती
  • श्रृंगार का सामान
  • पानी का लोटा

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: May 31, 2025 03:11 PM

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