---विज्ञापन---

Religion

Hanukkah: क्या है यहूदियों का रोशनी पर्व हनुक्का? आठ दिनों तक मनाया जाता है यह प्रकाश का त्योहार, जानें

Hanukkah: हनुक्का पर्व यहूदियों का प्रमुख रोशनी पर्व है. हनुक्का पर्व के दौरान 8 दिनों तक प्रकाश किया जाता है. यह पर्व आठ दिनों तक मनाया जाता है. हनुक्का अंधकार पर प्रकाश, आस्था और उम्मीद की जीत का प्रतीक है.

Author Edited By : Aman Maheshwari
Updated: Dec 14, 2025 18:09
यहूदियों का रोशनी पर्व हनुक्का
Photo Credit - Social Media

Hanukkah Festival 2025: हनुक्का यहूदियों का पर्व है. यह इस समय काफी चर्चाओं में है. यह प्रमुख यहूदी त्योहारों में से एक है. इस पर्व को 8 दिनों तक मनाया जाता है. आठ दिनों का यह पर्व इस साल 14 दिसंबर 2025, दिन रविवार को सूर्यास्त के समय शुरू होगा और 22 दिसंबर 2025 दिन सोमवार को सूर्यास्त के साथ समाप्त होगा. हनुक्का पर्व अंधकार पर प्रकाश, आस्था और उम्मीद की जीत का प्रतीक है. आज 14 दिसंबर को ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बोंडी बीच पर यहूदी समुदाय के लोग हनुक्का पर्व मना रहे थे. इसी समय ताबड़तोड़ फायरिंग की घटना सामने हुई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस गोलीबारी में कम से कम 10 लोगों के मारे जाने की खबर है. इस खबर के बाद हनुक्का पर्व क्या है और इसे क्यों मनाते हैं इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं चलिए जानके हैं.

क्या है हनुक्का पर्व?

हनुक्का यहूदी धर्म के लोगों का रोशनी का पर्व है. यह पर्व अंधकार पर प्रकाश, अत्याचार पर आस्था और निराशा पर उम्मीद की जीत का प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है. हनुक्का का पर्व अक्सर सर्दियों की छुट्टियों के दौरान मनाया जाता है. हनुक्का एक हिब्रू शब्द है, इसका अर्थ समर्पण होता है. यह पर्व यहूदी इतिहास के चमत्कारों में से एक की याद दिलाता है. बता दें कि, हनुक्का पर्व मनाते हुए कई परंपराओं का पालन किया जाता है. इसमें मोमबत्ती जलाते हैं, ड्रेइडेल खेलते हैं., पारंपरिक व्यंजन खाते हैं और उपहार देते हैं.

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें – ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में बोंडी बीच पर गोलीबारी, अब तक 10 लोगों की मौत, शूटर गिरफ्तार, PM अल्बनीज ने जताया दुख

हनुक्का से जुड़ा इतिहास

करीब 2000 साल पहले जब यहूदी क्षेत्र पर यूनानी शासकों का शासन था उस समय यूनानी सत्ता ने यहूदियों की धार्मिक परंपराओं पर प्रतिबंध लगाया था. यहूदी लोगों को रीति-रिवाजों और धार्मिक अनुष्ठानों का पालन नहीं करने दिया जाता था. हालत तब ओर गंभीर हुई जब यूनानी राजा एंटिओकस चतुर्थ ने यरूशलम स्थित यहूदी पवित्र स्थल में अपनी मूर्ति स्थापित कर यहूदियों को यूनानी देवताओं की पूजा के लिए मजबूर किया. इससे यहूदी समुदाय ने साफ मना कर दिया और यहूदियों के एक छोटे से समूह ने विद्रोह किया. इन्हें मक्कबी कहा जाता है. इन्होंने संख्या में कम होने के बाद भी यूनानी सेना का सामना किया. इसमें मक्कबी की जीत हुई लेकिन यहूदीयों के पवित्र स्थल नष्ट हो गए.

---विज्ञापन---

इसके बाद युद्ध में जीत होने पर मक्कबी ने पवित्र स्थलों की साफ-सफाई कर मरम्मत कराई और तेल का दीपक जलाया. यह दीपक 8 दिनों तक जलता रहा. यहूदियों ने इस घटना को चमत्कारी माना. इसी वजह से यहूदी आठ दिनों का हनुक्का का पर्व मनाते हैं. यह पर्व हिब्रू कैलेंडर के नौवें महीने किस्लेव की 25 तारीख से शुरू होता है. यह आठ दिनों तक मनाया जाता है.

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Dec 14, 2025 06:09 PM

संबंधित खबरें

Leave a Reply

You must be logged in to post a comment.