Samudrik Shastra: सामुद्रिक शास्त्र में शरीर और अंगों की बनावट का अध्ययन किया जाता है। मान्यता है कि शरीर के अंगों की बनावट हमारे भविष्य और व्यक्तित्व का निर्धारण करती है। इंसान के शरीर में सभी अंग अपना खास महत्व रखते हैं। इसी प्रकार मानव शरीर में दांतों का भी खास स्थान है। दांतों का मुख्य उपयोग तो भोजन को चबाकर पाचन क्रिया के लायक बनाना है। वहीं, इसके साथ ही दांत व्यक्ति के चेहरे की सुंदरता में भी अपना योगदान देते हैं।
सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, दांतों की बनावट और उनकी विशेषताएं व्यक्ति के जीवन में सौभाग्य और समृद्धि का संकेत देती हैं। जिन लोगों के दांत सफेद, चमकदार, सुडौल और बिना किसी दोष के होते हैं, उन्हें भाग्यशाली माना जाता है। ऐसे लोग आत्मविश्वास से भरे, बुद्धिमान और समाज में सम्मानित माने जाते हैं। हालांकि, बाहर निकले दांत, टेढ़े-मेढ़े दांत या दांत पर दांत की स्थिति को भी कुछ खास परिस्थितियों में सौभाग्य से जोड़ा जाता है, जबकि कुछ मामलों में इन्हें कम अच्छा माना जाता है। आइए जानते हैं कि किस प्रकार के दांत वाले लोग भाग्यशाली होते हैं?
सफेद और चमकदार दांत
सफेद और चमकदार दांत न केवल शारीरिक सुंदरता को बढ़ाते हैं, बल्कि सामुद्रिक शास्त्र में इन्हें धन, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है। ऐसे लोग दूसरों को अपनी ओर आकर्षित करने में सक्षम होते हैं, जिससे उनके सामाजिक और व्यावसायिक जीवन में सफलता मिलती है। ये लोग अपनी लाइफ में सभी प्रकार के सुख भोगते हैं।
समान और सुडौल दांत
जिन लोगों के दांत समान और सुडौल होते हैं, उन्हें संतुलित व्यक्तित्व का धनी माना जाता है। ऐसे लोग निर्णय लेने में समझदार और धैर्यवान होते हैं। इससे उन्हें जीवन में स्थिरता और सफलता मिलती है।
दांतों में गैप
जिन लोगों के सामने के दो दांतों के बीच हल्का सा अंतर होता है, उन्हें रचनात्मक और कलात्मक माना जाता है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, ये लोग अपने अनोखे विचारों और रचनात्मकता के कारण भाग्यशाली होते हैं। हालांकि, बहुत अधिक गैप को नकारात्मक भी माना जा सकता है।
बाहर निकले दांत
बाहर निकले दांतों को अंग्रेजी में ‘buck teeth’ भी कहते हैं। सामुद्रिक शास्त्र में इनको मिश्रित अर्थ देने वाला माना जाता हैं। कुछ मान्यताओं के अनुसार जिन लोगों के दांत बाहर निकले होते हैं, वे ऊर्जावान, उत्साही और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखने वाले होते हैं। वे अपनी मेहनत और लगन से कठिन परिस्थितियों में भी सफलता प्राप्त कर लेते हैं, जिसे सौभाग्य का संकेत माना जाता है। हालांकि, अगर दांत बहुत अधिक बाहर निकले हों, तो इसे आत्मविश्वास की कमी या सामाजिक अस्वीकृति से जोड़ा जा सकता है।
टेढ़े-मेढ़े दांत
टेढ़े-मेढ़े दांतों को सामान्य रूप से कम अनुकूल माना जाता है, लेकिन कुछ जगहों में इन्हें अद्वितीय व्यक्तित्व का प्रतीक माना जाता है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऐसे लोग अपरंपरागत सोच रखते हैं और अपने अलग अंदाज के कारण समाज में पहचान बनाते हैं। उनकी यह विशिष्टता उन्हें रचनात्मक क्षेत्रों में सफलता दिला सकती है, जो भाग्यशाली होने का एक रूप है।
दांत पर दांत
दांत पर दांत की स्थिति, जिसे चिकित्सकीय भाषा में ‘supernumerary teeth’ कहा जाता है। इसे सामुद्रिक शास्त्र में विशेष माना जाता है। कुछ मान्यताओं के अनुसार यह स्थिति व्यक्ति को असाधारण प्रतिभा और भाग्य का धनी बनाती है। ऐसे लोग अपने जीवन में अनोखे अवसर प्राप्त करते हैं और अपनी मेहनत से बड़ा मुकाम हासिल कर सकते हैं। हालांकि, कुछ अध्ययनों के अनुसार यह स्थिति स्वास्थ्य की दृष्टि से चुनौतियां भी पैदा कर सकती है।
मजबूत और स्वस्थ दांत
मजबूत दांत अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक हैं। स्वस्थ दांतों वाले लोग सामान्य रूप से ऊर्जावान और कार्यक्षम होते हैं, जो उन्हें अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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