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Hindu New Year 2025: नवग्रहों में से किस ग्रह का राज होगा हिंदू नववर्ष में? जानें तिथि और महत्व

हिंदू धर्म के नए साल का आरंभ चैत्र माह से होता है, जिस दिन से विक्रम संवत भी शुरू होता है। चलिए जानते हैं वर्ष 2025 में किस दिन से हिंदू नववर्ष शुरू होगा। साथ ही आपको ये भी पता चलेगा कि इस साल किस ग्रह का राज होने वाला है।

Author Edited By : Nidhi Jain Updated: Mar 24, 2025 16:24
Hindu New Year 2025
2025 में कब से शुरू होगा हिंदू नववर्ष?

ग्रिगोरियन कैलेंडर के अनुसार, न्यू ईयर यानी नया साल 01 जनवरी से शुरू होता है। जबकि हिंदू नववर्ष का आरंभ चैत्र माह से होता है। हिंदू नववर्ष के दिन से ही विक्रम संवत और चैत्र नवरात्रि का आरंभ होता है। देश के कई राज्यों में हिंदू नववर्ष को नव संवत्सर, गुड़ी पड़वा, युगादि और चेती चंड आदि नामों से जाना जाता है। आइए जानते हैं इस वर्ष किस दिन से हिंदू नववर्ष का आरंभ होगा और किस ग्रह का राज 2025 में देखने को मिलेगा।

कब से शुरू होगा हिंदू नववर्ष 2025?

वैदिक पंचांंग की गणना के अनुसार, इस बार 30 मार्च 2025, दिन रविवार से हिंदू नववर्ष और विक्रम संवत 2082 की शुरुआत होगी।

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हिंदू नववर्ष में किस ग्रह का होगा राज?

30 मार्च 2025 को रविवार का दिन है, जो ग्रहों के राजा सूर्य देव को समर्पित है। इसलिए इस वर्ष सूर्य देव का राज होगा। इसके अलावा मंत्री भी सूर्य देव ही रहेंगे। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा, मान-सम्मान, त्वचा, प्रतिष्ठा, ऊर्जा, नेतृत्व क्षमता और पिता आदि का कारक माना जाता है, जो करीब 30 दिन में राशि परिवर्तन करते हैं।

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देश-दुनिया पर कैसा पड़ेगा प्रभाव?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, साल 2025 में राजा सूर्य का मिलाजुला प्रभाव देश-दुनिया पर पड़ेगा। लेकिन इस वर्ष गर्मी बढ़ने की संभावना ज्यादा है। इसके अलावा खाने-पीने की चीजों के दाम भी आसमान छू सकते हैं।

हिंदू नववर्ष का महत्व

हिंदू धर्म में चैत्र माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नववर्ष का आरंभ होता है, जिसे भारतीय नववर्ष भी कहते हैं। माना जाता है कि इसी तिथि पर ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। इसके अलावा विक्रमादित्य ने भी अपने राज्य की स्थापना इसी तिथि पर की थी। इसलिए इसे विक्रम संवत भी कहते हैं।

मान्यता है कि प्राचीन काल में चैत्र माह में आने वाली शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर भगवान राम का राज्याभिषेक हुआ था। इसलिए इस दिन भगवान राम की पूजा करने से भक्तों को उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है और घर-परिवार में सुख-शांति का वास होता है। इसके अलावा इस दिन देवी दुर्गा की पूजा करना भी शुभ माना जाता है।

द्वापर युग में चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर ही राजा युधिष्ठिर का राज्याभिषेक हुआ था। इसके अलावा इसी तिथि पर महर्षि संत गौतम ऋषि का जन्म हुआ था।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Nidhi Jain

First published on: Mar 24, 2025 12:21 PM

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