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Govardhan Puja 2025: कल है गोवर्धन पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और गोवर्धन पूजन का महत्व

Govardhan Puja 2025: गोवर्धन पूजन कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है. गोवर्धन का पर्व दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है लेकिन इस बार अमावस्या दो दिन की होने की वजह से गोवर्धन पूजा का पर्व 22 अक्टूबर दिन बुधवार को मनाया जाएगा.

Author Written By: Aman Maheshwari Author Published By : Aman Maheshwari Updated: Oct 21, 2025 11:44
Govardhan Puja 2025

Govardhan Puja 2025: दिवाली के बाद हर साल कार्तिक माह की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया जाता है. पंचांग के मुताबिक, एक तिथि बढ़ने की वजह से इस साल गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर बुधवार को मनाना तय किया गया है. गोवर्धन पूजा भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित है. इस दिन भक्त गोबर से गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा बनाकर पूजा करते हैं. इस दिन भगवान को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है. चलिए आपको गोवर्धन पूजा के महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में बताते हैं.

गोवर्धन पूजा की तिथि (Govardhan Puja Date)

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पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह की प्रतिपदा तिथि का 21 अक्टूबर 2025 की शाम को 5 बजकर 54 मिनट पर शुरू हो रही है जिसका समापन अगले दिन 22 अक्टूबर की रात को 8 बजकर 16 मिनट पर होगा. उदयतिथि के मुताबिक, गोवर्धन पूजा का पर्व 22 तारीख को मनाया जाएगा. इस दिन आप गोवर्धन पूजा कर भगवान को अन्नकूट का भोग लगाएं.

ये भी पढ़ें – Govardhan Puja 2025: 21 या 22 अक्टूबर कब है गोवर्धन पूजा? जानें क्यों मनाते हैं ये पर्व

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गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त (Govardhan Puja Shubh Muhurat)

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा जो सुबह 8 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगा. आप इस शुभ मुहूर्त के दौरान गोवर्धन पूजा कर सकते हैं. इस दिन प्रीति योग और लक्ष्मी योग बन रहे हैं. यह योग पूजा और मांगलिक कार्य के लिए शुभ होते हैं. गोवर्धन पूजा से भगवान कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है.

गोवर्धन पूजा विधि (Govardhan Puja Vidhi)

गोवर्धन पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर घर-आंगन की सफाई करें. इसके बाद आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत की प्रतिमा बनाएं. इसके आस-पास बछड़े और ग्वालिन की मूर्तियां रखें या गोबर से बनाएं. इसे फूलों से अच्छे से सजाएं. इसके बाद फूल, जल और दीपक अर्पित करें. गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा लगाएं और पूजा करें. अन्नकूट और छप्पन भोग भगवान को अर्पित करें इसके बाद इसे प्रसाद के तौर पर खाएं.

गोवर्धन पूजा का महत्व (Govardhan Puja Importance)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि को भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र देव का घमंड चूर किया था. उन्होंने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर गांव के लोगों की रक्षा की थी. तभी से इस दिन को गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है.

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Oct 21, 2025 11:44 AM

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